Mohammad Kaif : मोहम्मद कैफ का नाम भारत के बेहतरीन फील्डर्स और महत्वपूर्ण बल्लेबाजों में शुमार होता है। उन्होंने न केवल अपनी फील्डिंग से बल्कि दमदार बल्लेबाजी से भी टीम इंडिया को कई यादगार मुकाबले जिताए। 1 दिसंबर 1980 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जन्मे कैफ आज 45 साल के हो गए हैं। उनकी कप्तानी में भारत ने साल 2000 में अंडर-19 वर्ल्ड कप की ट्रॉफी अपने नाम की थी। इसी साल उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया और फिर वनडे क्रिकेट में भी अपनी पहचान बनाई।
कैफ ने भारतीय टेस्ट टीम के लिए 13 मुकाबले खेले, जिसमें उन्होंने कुल 624 रन बनाए। वनडे क्रिकेट में उन्होंने 125 मैचों में 2753 रन बनाए, जिसमें दो शतक और 17 अर्धशतक शामिल हैं। साल 2002 में उन्होंने वनडे डेब्यू किया और मिडिल ऑर्डर में अपनी जगह पक्की की।
नेटवेस्ट ट्रॉफी फाइनल
जुलाई 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल में कैफ ने ऐसी पारी खेली जिसने उन्हें रातों-रात सुपरस्टार बना दिया। इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 325 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया था। भारतीय पारी की अच्छी शुरुआत के बाद टॉप और मिडिल ऑर्डर के बिखरने से मैच भारत के हाथ से फिसलता नजर आ रहा था। लेकिन मोहम्मद कैफ और युवराज सिंह ने टीम को मुश्किल से बाहर निकाला।
कैफ ने 75 गेंदों पर 87 रनों की शानदार पारी खेली, जिसमें 6 चौके और 2 छक्के शामिल थे। उनकी पारी के दम पर भारत ने तीन गेंद शेष रहते यह मुकाबला दो विकेट से जीत लिया। इस प्रदर्शन के लिए कैफ को प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब दिया गया।
क्रिकेट से संन्यास और नई पारी
कैफ ने 2018 में क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लिया। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के अलावा उन्होंने आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स, पंजाब किंग्स और आरसीबी की टीमों का भी हिस्सा बनकर अपनी छाप छोड़ी। कोचिंग में भी हाथ आजमाने वाले कैफ दिल्ली कैपिटल्स के सहायक कोच रह चुके हैं।
अब कॉमेंट्री में बिखेर रहे जलवा
संन्यास के बाद कैफ ने कॉमेंट्री की दुनिया में कदम रखा और खुद को क्रिकेट से जुड़े रखा। वह विभिन्न चैनलों पर कॉमेंट्री करते हुए देखे जा सकते हैं और इस नई भूमिका में भी अपने फैंस का दिल जीत रहे हैं।