Navratri 2025 : शारदीय नवरात्र 2025 का पर्व इस बार 22 सितंबर (सोमवार) से शुरू हो रहा है और 30 सितंबर (मंगलवार) को महानवमी और विजयादशमी के साथ इसका समापन होगा। मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना का यह पर्व शक्ति, भक्ति और साधना का अद्भुत संगम माना जाता है।
कब-कब पड़ेंगे खास व्रत व तिथियां?
- प्रथम दिन (22 सितंबर, सोमवार): घटस्थापना व शैलपुत्री पूजन
- षष्ठी (27 सितंबर, शनिवार): कात्यायनी पूजन
- सप्तमी (28 सितंबर, रविवार): कालरात्रि पूजन
- अष्टमी (29 सितंबर, सोमवार): महाअष्टमी व दुर्गाष्टमी का व्रत
- नवमी (30 सितंबर, मंगलवार): महानवमी व कन्या पूजन
- 30 सितंबर को ही शाम: विजयादशमी, रावण दहन और विसर्जन
महाअष्टमी का महत्व
अष्टमी तिथि को मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप की पूजा की जाती है। इस दिन श्रद्धालु कन्या पूजन (कुंवारी कन्याओं को भोजन व उपहार) कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। माना जाता है कि इस दिन किया गया हवन और पूजन विशेष फलदायी होता है और साधक को जीवन में विजय और समृद्धि प्रदान करता है।
महानवमी का महत्व
नवमी को मां सिद्धिदात्री की आराधना होती है। शास्त्रों में कहा गया है कि नवमी का व्रत करने से भक्त को सिद्धि और सफलता की प्राप्ति होती है। इस दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। बहुत से श्रद्धालु इसी दिन कन्याओं को भोजन कराकर नवरात्र व्रत का समापन करते हैं।
नवरात्र की खास बात
इस बार नवरात्र का प्रारंभ और समापन दोनों ही सोमवार को पड़ रहे हैं, जो ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत शुभ माना गया है। पंडितों के अनुसार, यह संयोग साधकों और श्रद्धालुओं के लिए शुभ फलदायी रहेगा।