Vice President Chunav 2025 : भारत में उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान जारी, पीएम मोदी और अमित शाह ने डाला वोट नई दिल्ली, 9 सितंबर 2025:

नई दिल्ली, 9 सितंबर 2025:

Vice President Chunav 2025:

भारत के नए उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए आज संसद भवन में वोटिंग प्रक्रिया पूरे जोरों पर है। सुबह 10 बजे शुरू हुई वोटिंग शाम 5 बजे तक चलेगी। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत सैकड़ों सांसदों ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी सुबह करीब 11:15 बजे संसद भवन पहुंचे और कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान किया। मतदान केंद्र से बाहर आते हुए उन्होंने मीडिया से बातचीत नहीं की, लेकिन उनके चेहरे पर गंभीरता और जिम्मेदारी की झलक साफ दिख रही थी।

गृह मंत्री अमित शाह भी थोड़ी देर बाद पहुंचे और शांतिपूर्ण ढंग से मतदान किया। शाह ने मतदान के बाद कहा,

“यह लोकतंत्र की खूबसूरती है कि हम सब अपनी-अपनी विचारधारा के बावजूद एक साथ मिलकर देश के संवैधानिक पदों के चुनाव में भाग लेते हैं।”

कड़े मुकाबले के आसार, विपक्ष और सत्तापक्ष आमने-सामने

इस बार उपराष्ट्रपति पद के लिए मुकाबला काफी दिलचस्प माना जा रहा है। सत्तारूढ़ एनडीए ने अनुभवी नेता और पूर्व राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को मैदान में उतारा है, वहीं विपक्ष की ओर से पूर्व जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी को समर्थन मिला है.

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि संख्या बल के आधार पर एनडीए के उम्मीदवार की जीत तय मानी जा रही है, लेकिन विपक्ष ने भी अपने मतों का ध्रुवीकरण करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। कई क्षेत्रीय दलों की भूमिका भी निर्णायक मानी जा रही है।

सांसदों की भारी भागीदारी

मतदान में अब तक 90% से अधिक सांसदों ने भाग लिया है। लोकसभा और राज्यसभा के कुल 780 सदस्यों में से 700 से ज्यादा वोट डाले जा चुके हैं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि उपराष्ट्रपति पद को लेकर संसद में कितनी गंभीरता है।

परिणाम आज रात तक संभव

चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार, वोटों की गिनती मतदान के तुरंत बाद शुरू कर दी जाएगी और परिणाम आज देर रात तक घोषित किए जाने की संभावना है।

उपराष्ट्रपति चुनाव केवल एक संवैधानिक प्रक्रिया नहीं है, यह देश की लोकतांत्रिक परिपक्वता का प्रतीक भी है। पीएम मोदी और गृह मंत्री शाह, राजनाथ सिंह के साथ विपक्ष के तमाम बड़े नेताओं की भागीदारी और सक्रियता यह दर्शाती है कि लोकतंत्र के हर स्तंभ को मजबूत बनाए रखने की जिम्मेदारी शीर्ष नेतृत्व पर भी उतनी ही है जितनी एक आम सांसद पर।

 

 

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