SCO Summit 2024 : भारत आतंकवाद के साथ नहीं कर सकता व्यापार, इशारों में जयशंकर ने शहबाज शरीफ को लगाई लताड़

SCO Summit 2024 : भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 2024 के शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान पाकिस्तान में आतंकवाद के मुद्दों पर सख्त रुख दिखाया है।

Pakistan : भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर पाक के दौरे पर है, बता दें, कि पाकिस्तान में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) की बैठक के दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान और अन्य देशों को कड़ा संदेश दिया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि भारत आतंकवाद के साथ व्यापार नहीं कर सकता।

भारत आतंकवाद के साथ नहीं कर सकता व्यापार

एस. जयशंकर ने आतंकवाद को लेकर अपना कड़ा रुख जाहिर करते हुए कहा, कि आतंकवाद और व्यापार एक साथ नहीं चल सकते। उन्होंने बिना नाम लिए पाकिस्तान को इशारा करते हुए कहा कि किसी भी देश को आतंकवाद का समर्थन या प्रायोजन नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह क्षेत्रीय स्थिरता और विकास के लिए सबसे बड़ा खतरा है।

चीन को सीमा विवाद पर इशारा

बॉर्डर विवाद पर भी जयशंकर ने अपनी बात रखते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा का सम्मान किया जाना चाहिए। हालांकि उन्होंने चीन का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा स्पष्ट रूप से चीन की ओर था, जो लद्दाख सीमा पर तनाव के चलते विवादों में रहा है। जयशंकर ने कहा, “सीमा पर शांति और स्थिरता किसी भी देश के साथ संबंधों का आधार होती है।

SCO बैठक में शांति और विकास पर जोर

SCO की बैठक में एस. जयशंकर ने क्षेत्रीय शांति और विकास पर जोर देते हुए कहा कि स्थिरता के बिना कोई भी देश विकास की ओर नहीं बढ़ सकता। उन्होंने सदस्य देशों से अपील की कि वे क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए मिलकर काम करें, ताकि व्यापार और विकास को बढ़ावा दिया जा सके।

भारत का सख्त संदेश

जयशंकर के इस बयान को भारत का सख्त संदेश माना जा रहा है, खासकर पाकिस्तान और चीन के संदर्भ में। भारत लंबे समय से आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाता रहा है, और एससीओ जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाता रहा है। जयशंकर के इस बयान से यह साफ है कि भारत अपनी सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता से समझौता नहीं करेगा।

जयशंकर का पाकिस्तान में दिया गया यह बयान भारत की विदेश नीति के रुख को स्पष्ट करता है, जहां आतंकवाद को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सीमा विवाद को हल करने के लिए अंतरराष्ट्रीय नियमों का सम्मान जरूरी है। एससीओ बैठक में यह संदेश स्पष्ट रूप से पाकिस्तान और चीन की ओर था, जो दोनों देशों के साथ भारत के संबंधों में चुनौती बने हुए हैं।

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