कराची का रास्ता सर क्रीक से गुजरता है: राजनाथ सिंह की पाकिस्तान को चेतावनी

Rajnath Singh Sir Creek warning : भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण रिश्तों के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सर क्रीक को लेकर सख्त संदेश दिया है. गुजरात की पश्चिमी समुद्री सीमा पर स्थित यह इलाका वर्षों से रणनीतिक और सामरिक बहस का केंद्र रहा है। अब रक्षा मंत्री की यह टिप्पणी न सिर्फ पाकिस्तान के लिए एक स्पष्ट चेतावनी है, बल्कि भारत की समुद्री सुरक्षा नीति में नए संकेत भी देती है.

सर क्रीक: रणनीतिक दृष्टि से संवेदनशील इलाका

सर क्रीक कच्छ के रण और सिंध प्रांत के बीच स्थित है. यह 96 किलोमीटर लंबी जलधारा भारत और पाकिस्तान की सीमा को परिभाषित करती है। इस क्षेत्र पर लंबे समय से विवाद चलता आया है क्योंकि इसमें तेल, गैस और मत्स्य संसाधनों की संभावना है, साथ ही यह अरब सागर में प्रवेश का अहम द्वार भी है।

भारत ने पिछले कुछ वर्षों में यहां अपनी नौसेना और तटरक्षक बलों की तैनाती को मजबूत किया है। उन्नत राडार सिस्टम, हाइ-स्पीड बोट्स और निगरानी तंत्र के जरिए किसी भी संभावित घुसपैठ या हमले को रोकने की तैयारी की गई है।

Sir Creek International Border

राजनाथ सिंह का दो-टूक संदेश

रक्षा मंत्री ने अपने बयान में कहा, “अगर पाकिस्तान ने सर क्रीक में कोई भी हरकत की तो उसका जवाब ऐसा होगा कि न सिर्फ भूगोल बदलेगा बल्कि इतिहास नई कहानी लिखेगा। कराची का रास्ता सर क्रीक से होकर जाता है और भारत को अपनी सुरक्षा से समझौता करना मंजूर नहीं.

यह बयान पाकिस्तान के लिए सीधी चेतावनी माना जा रहा है क्योंकि कराची, पाकिस्तान का सबसे बड़ा बंदरगाह और नौसेना का मुख्य अड्डा है। भारत की ओर से यह इशारा साफ है कि समुद्री मोर्चे पर कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

क्यों है अहम यह चेतावनी?

  • पाकिस्तान की नौसैनिक गतिविधियों और आतंकी घुसपैठ की कोशिशें अक्सर इसी इलाके से सामने आती रही हैं।
  • कराची बंदरगाह पर दबाव बनाना पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और रणनीति दोनों पर असर डाल सकता है।
  • भारत अपनी “ब्लू वॉटर नेवी” की ताकत के साथ अब हिंद महासागर क्षेत्र में प्रभुत्व बढ़ा रहा है, और सर क्रीक इसका महत्वपूर्ण हिस्सा है।

आगे की राह

राजनाथ सिंह की यह टिप्पणी केवल राजनीतिक बयान नहीं, बल्कि सामरिक रणनीति का हिस्सा भी मानी जा रही है। पाकिस्तान को यह याद दिलाने जैसा है कि भारत अब रक्षात्मक नहीं, बल्कि जवाबी रणनीति के लिए भी तैयार है.

विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में भारत इस क्षेत्र में और भी मजबूत बुनियादी ढांचे का निर्माण करेगा। साथ ही तटरक्षक बल और नौसेना के बीच समन्वय को और गहराई मिलेगी.

सर क्रीक पर राजनाथ सिंह की चेतावनी से यह साफ हो गया है कि भारत अपने भूगोल और समुद्री सीमाओं को किसी भी कीमत पर चुनौती नहीं देने देगा. कराची का रास्ता चाहे सर क्रीक से जाता हो या नहीं, भारत का संदेश यह है कि सुरक्षा के मुद्दे पर अब किसी तरह की लापरवाही की गुंजाइश नहीं है।

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