Rahul Gandhi Vote Chori : कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक और सनसनीखेज खुलासा किया। अभी हाल ही में दिए गए “हाइड्रोजन बम” वाले बयान के बाद उन्होंने अब वोट चोरी का मुद्दा उठाकर राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।
राहुल गांधी ने दावा किया कि हालिया चुनावों में वोटिंग मशीनों और बूथ मैनेजमेंट के जरिए बड़े पैमाने पर धांधली हुई। उन्होंने कहा कि उनके पास “ऐसे सबूत हैं जो यह दिखाते हैं कि जनता की राय को तकनीकी खेल और सत्ता के दबाव से बदला गया।”
प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या कहा राहुल गांधी ने?
- EVM और डेटा हेरफेर: राहुल ने आरोप लगाया कि कई निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत से लेकर अंतिम नतीजों तक में असामान्य अंतर दिखा।
- एजेंसियों की भूमिका: उन्होंने कहा कि कुछ संस्थाओं और सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल विपक्ष की आवाज दबाने और नतीजों को प्रभावित करने के लिए किया गया।
- जनता से अपील: राहुल ने कहा – “लोकतंत्र की रक्षा सिर्फ संसद में नहीं बल्कि सड़कों पर भी होगी। जनता को अब सवाल पूछने होंगे कि उनका वोट आखिर गया कहां।”
“हाइड्रोजन बम” से जोड़कर क्या संकेत दिए?
राहुल गांधी ने अपने बयान को आगे बढ़ाते हुए कहा कि जो वे “हाइड्रोजन बम” कह रहे हैं, वह केवल राजनीतिक रूपक नहीं है, बल्कि ऐसी जानकारियां हैं जो आने वाले समय में सत्ता के गलियारों में भूचाल ला सकती हैं। वोट चोरी का खुलासा इसी दिशा का पहला कदम बताया जा रहा है।
राहुल गांधी के आरोपों पर बीजेपी का पलटवार
भाजपा ने तुरंत पलटवार करते हुए राहुल गांधी पर “झूठ और भ्रम फैलाने” का आरोप लगाया। पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि कांग्रेस अपनी हार की जिम्मेदारी स्वीकार करने के बजाय संस्थाओं पर सवाल उठा रही है।
क्या हैं इसके राजनीतिक मायने
- राहुल गांधी का यह बयान विपक्ष को एक नया मुद्दा देता है, खासकर उन राज्यों में जहां निकट भविष्य में चुनाव होने वाले हैं।
- कांग्रेस अब “लोकतंत्र की रक्षा” को एक कैंपेन की तरह पेश करने की तैयारी में है।
- अगर राहुल गांधी अपने दावों के सबूत सार्वजनिक करते हैं, तो भारतीय राजनीति में बड़ा उबाल आ सकता है।
वहीं जब IANS Reporter आलोक झा ने राहुल गांधी ने कोर्ट जाने के आप्शन पर सवाल किया तो राहुल गांधी ने क्या कुछ कहा सुनिए.
18 सितंबर की यह प्रेस कॉन्फ्रेंस राहुल गांधी की राजनीतिक रणनीति में एक अहम मोड़ मानी जा रही है। “हाइड्रोजन बम” से पहले वोट चोरी का खुलासा यह दिखाता है कि कांग्रेस नेतृत्व अब आर-पार की लड़ाई के मूड में है। आने वाले दिनों में इसका असर संसद से लेकर सड़कों तक देखने को मिल सकता है।
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