Mallikarjun Kharge : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर के अपमान का आरोप लगाया। खरगे ने कहा कि अमित शाह ने बाबा साहब का अनादर किया है और इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए थी। उन्होंने बीजेपी और पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर प्रधानमंत्री को आंबेडकर का सम्मान है, तो उन्हें अमित शाह को तत्काल मंत्रिमंडल से बर्खास्त करना चाहिए।
संविधान में विश्वास नहीं करती बीजेपी: खरगे
खरगे ने आरोप लगाया कि बीजेपी और उसके नेता संविधान में आस्था नहीं रखते और हमेशा दलितों और उनके नायकों का अपमान करते हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की चुप्पी इस बात का प्रमाण है कि वे अमित शाह के बयान का समर्थन कर रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि अगर प्रधानमंत्री इस बयान से असहमति रखते, तो उन्हें अमित शाह से स्पष्टीकरण मांगना चाहिए था।
अमित शाह के बयान पर विवाद
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को एक बयान में कहा था कि कांग्रेस ने डॉ. आंबेडकर का नाम लेना मात्र एक “फैशन” बना लिया है। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा था कि अगर कांग्रेस नेताओं ने आंबेडकर के नाम की जगह भगवान का नाम लिया होता, तो उन्हें सात जन्मों तक स्वर्ग में जगह मिल जाती।
रिजिजू ने किया शाह का बचाव
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने अमित शाह के बयान का बचाव करते हुए कांग्रेस पर आंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने न केवल आंबेडकर को भारत रत्न देने में देरी की, बल्कि साजिश के तहत उन्हें दो बार चुनाव में हराया। रिजिजू ने कहा, “1952 के आम चुनाव और विदर्भ के उपचुनाव में कांग्रेस ने आंबेडकर को हराने की कोशिश की। अगर ऐसा न हुआ होता, तो आंबेडकर संसद का हिस्सा बने रहते।”
विपक्ष पर पलटवार
रिजिजू ने आरोप लगाया कि विपक्ष ने अमित शाह के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया और संसद में उनके भाषण की केवल एक छोटी क्लिप प्रसारित की। उन्होंने इसे गलत और भ्रामक बताते हुए इसकी निंदा की। रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस बाबा साहब के नाम का केवल राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करती है, जबकि बीजेपी ने हमेशा उनके योगदान का सम्मान किया है।
इस विवाद ने संसद के भीतर और बाहर राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। कांग्रेस ने इसे बीजेपी की दलित विरोधी मानसिकता का उदाहरण बताया, जबकि बीजेपी ने इसे विपक्ष की साजिश करार दिया।