Maharashtra Assembly : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं। भारतीय चुनाव आयोग (ECI) पर सवाल उठाते हुए शरद पवार गुट की एनसीपी के नेता जितेंद्र आव्हाड ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि चुनाव में इस्तेमाल की गई इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) से महत्वपूर्ण डेटा हटाया गया है।
46 लाख नए वोटों का दावा
आव्हाड ने शनिवार को कहा, “लोकसभा चुनाव के कुछ महीनों बाद महाराष्ट्र में 46 लाख नए वोट कैसे सामने आए? हमें मशीनों की पुनर्गिनती और डेटा का विश्लेषण चाहिए।” उनका आरोप है कि लोकसभा चुनाव के बाद अचानक इतने वोट बढ़ने से संदेह पैदा होता है।
शरद पवार ने भी जताई चिंता
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी EVM के उपयोग और मतगणना प्रक्रिया पर चिंता जताई। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि उनके पास इन दावों को साबित करने के लिए कोई ठोस प्रमाण नहीं है। पवार ने कहा, “कुछ लोग पुनर्गिनती की मांग कर रहे हैं। हम देखेंगे कि इस पर क्या कदम उठाए जाते हैं, लेकिन मुझे अधिक उम्मीद नहीं है।”
विपक्ष की कड़ी प्रतिक्रिया
विपक्षी दलों ने EVM के खिलाफ राष्ट्रीय आंदोलन की योजना बनाई है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग की आलोचना करते हुए कहा कि चुनावी प्रक्रिया की अखंडता को खतरा है। पार्टी ने ऐलान किया है कि EVM के उपयोग के खिलाफ जनता को जागरूक करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाया जाएगा।
लोकतंत्र को लेकर चिंता
शरद पवार ने कहा कि मौजूदा स्थिति ने लोगों में निराशा और असंतोष बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा, “देश में पहली बार चुनाव प्रक्रिया को लेकर लोगों में इतनी बेचैनी देखी जा रही है। अगर संसद में विपक्ष की आवाज दबाई जाती रही, तो लोकतंत्र पर संकट आ सकता है। हमें जनता के बीच जाकर उन्हें जागरूक करना होगा।”
EVM पर राष्ट्रीय बहस की मांग
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद EVM पर उठे सवालों ने राष्ट्रीय बहस को जन्म दिया है। विपक्षी दलों का कहना है कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए मतपत्रों की ओर लौटने का विचार किया जाना चाहिए। EVM को लेकर उठे सवालों ने एक बार फिर चुनावी प्रणाली की प्रामाणिकता पर चर्चा छेड़ दी है।