Kisan Andolan : हरियाणा और पंजाब के शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन ने तनावपूर्ण स्थिति पैदा कर दी है। 101 किसानों का जत्था पुलिस बलों के सामने डटा हुआ है और उन्होंने सुरक्षा बैरिकेडिंग की पहली परत को उखाड़ दिया है। किसानों ने लोहे की गाड़रें हटाने के साथ ही पुलिस द्वारा लगाए गए कील वाले तारों को भी तोड़ दिया। इस दौरान पुलिस ने आंसू गैस के गोले और मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल किया, जिससे कई किसानों को चोटें आई हैं।
पुलिस और किसानों के बीच टकराव
घग्गर नदी के पुल के पास पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और मीडिया कर्मियों को पीछे हटने का निर्देश दिया। किसानों का कहना है कि वे बिना ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के दिल्ली कूच कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोका। किसानों ने आरोप लगाया कि पुलिस की वर्दी में गुंडों को तैनात किया गया है। दूसरी ओर, अंबाला प्रशासन ने क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी है और बिना अनुमति के आगे बढ़ने पर रोक लगा दी है।
किसानों की तैयारियां
पुलिस कार्रवाई का सामना करने के लिए किसानों ने नमक और रुमाल का इंतजाम किया है, जिससे आंसू गैस से बचा जा सके। पानी में भीगी बोरियों का उपयोग भी किया जा रहा है। इसके अलावा, घग्गर नदी के आसपास खेतों में भी किसान बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गए हैं।
पुलिस ने घग्गर नदी के ऊपर बैरिकेडिंग के अलावा हाईवे पर ट्रक और अन्य बड़ी गाड़ियां खड़ी कर रास्ता पूरी तरह बंद कर दिया है। पैरा-मिलिट्री बल भी तैनात कर दिया गया है। हालांकि, किसानों ने साफ कर दिया है कि वे अपनी मांगों के लिए संघर्ष जारी रखेंगे। स्थिति फिलहाल तनावपूर्ण बनी हुई है और दोनों पक्षों के बीच टकराव बढ़ने की आशंका है।