Justice Verma cash case : विवादास्पद जस्टिस यशवंत वर्मा कैश कांड में अहम मोड़ आया है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस बहुचर्चित कैश कांड की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति के गठन को लोकसभा में औपचारिक स्वीकृति दे दी है। यह समिति न्यायपालिका में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और महाभियोग प्रक्रिया के तहत जरूरी कदमों की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
कौन-कौन हैं कमेटी में शामिल ?
जांच कमेटी में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरविंद कुमार, मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस मनिंदर मोहन श्रीवास्तव, कर्नाटक हाईकोर्ट के सीनियार एडवोकेट बीवी आचार्य शामिल हैं. साथ ही कुछ विशेषज्ञों से भी इस मामले में राय लिए जाने की भी खबरें सामने आ रही हैं.
क्या है पूरा मामला?
मार्च 2025 में दिल्ली में न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के सरकारी आवास पर आग लगने के बाद वहां एक स्टोर रूम से अधजले नोटों की बरामदगी हुई थी। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि वहां बड़ी मात्रा में नकदी रखी गई थी, जिसे लेकर भ्रष्टाचार की आशंका जताई गई। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इन-हाउस जांच समिति गठित की थी, जिसने मई 2025 में अपनी रिपोर्ट तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश को सौंप दी थी।
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