Journalist India : सुप्रीम कोर्ट के जाने-माने अधिवक्ता श्री अश्विनी दुबे ( Ashwani Dubey )द्वारा लिखित पुस्तक “End of Colonial Laws- From Vision To Action” यानी “औपनिवेशिक कानूनों का अंत” न केवल विधि जगत ( न्याय व्यवस्था ) से जुड़े लोगों के लिए, बल्कि आम जनता के लिए भी बहुत उपयोगी है। एडवोकेट अश्वनी दुबे ने कहा कि अनुच्छेद 370 को समाप्त करने, अयोध्या में भगवान श्री राम का भव्य मंदिर बनाने और तीन तलाक को समाप्त करने के साथ ही देश प्रधानमंत्री नरेनंद्र मोदी ने एक नई मिसाल कायम की है। एडवोकेट अश्वीनी दुबे ने पुस्तक में इस बात पर प्रकाश डाला है कि वैदिक काल से ही भारत में न्याय की एक लंबी परंपरा रही है। न्याय को धर्म का पर्याय माना जाता था। न्याय और धर्म ईश्वरीय व्यवस्थाएं थीं। इस पुस्तक के आने के बाद नए कानूनों को समझना बहुत आसान हो गया है। देश की विभिन्न अदालतों में करोड़ों मुकदमे लंबित हैं, यहां तक कि कई उच्च न्यायालयों में 50 वर्षों से भी अधिक समय से मुकदमे लंबित हैं। नए कानूनों से न्यायिक प्रक्रिया में तेजी आएगी। लेखक अश्विनी दुबे ने अपनी पुस्तक में इन पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की है। ऐसे में नए कानूनों और पूराने कानूनों को खत्म करने के बारे में जब भी बहस होगी या फिर यूवाओं या स्कूल कॉलेजों में पड़हाने की बातें होंगी तो “End of Colonial Laws- From Vision To Action” किताब काफी मददगार साबित होगी.