Cyclonic Montha : बंगाल की खाड़ी में बन रहा चक्रवाती तूफान “मोंथा (Montha)” भारत के पूर्वी तटों के लिए एक नई चुनौती बनता जा रहा है। मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि यह तूफान तेज़ी से ताकत पकड़ रहा है और आने वाले दिनों में आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु और तेलंगाना जैसे राज्यों को प्रभावित कर सकता है।
कैसे बना यह चक्रवात?
दरअसल, पिछले कुछ दिनों से बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में एक निम्न दबाव क्षेत्र (Low Pressure Area) सक्रिय था। समुद्र के ऊपर लगातार बढ़ते तापमान और नमी के कारण यह निम्न दबाव धीरे-धीरे गहराते हुए गंभीर चक्रवात “मोंथा” में बदल गया। IMD के अनुसार, यह तूफान उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ते हुए भारत के पूर्वी तट से टकराने की संभावना रखता है।
कब और कहाँ होगा लैंडफॉल?
मौसम विभाग का अनुमान है कि 28 अक्टूबर 2025 की रात या 29 अक्टूबर की सुबह, यह चक्रवात आंध्र प्रदेश के काकीनाडा (Kakinada) या उसके आसपास के तटीय इलाकों से टकरा सकता है।
लैंडफॉल के समय हवा की रफ्तार 90 से 110 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच सकती है, जो पेड़ों, बिजली के खंभों और हल्के निर्माणों को नुकसान पहुंचाने के लिए काफी है।
किन राज्यों पर सबसे ज्यादा असर होगा
- आंध्र प्रदेश – तटीय जिलों में भारी बारिश, तेज हवाएं और समुद्र में ऊंची लहरें।
- ओडिशा – दक्षिणी जिलों में बारिश और बाढ़ जैसी स्थिति।
- तमिलनाडु – उत्तर-पूर्वी इलाकों में तेज बारिश, मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह।
- तेलंगाना – आंतरिक इलाकों में भारी वर्षा और कुछ स्थानों पर जलभराव का खतरा।
संभावित नुकसान और खतरे
- भारी वर्षा से खेतों में खड़ी फसलों (विशेषकर धान) को नुकसान हो सकता है।
- तेज हवाओं से पेड़ उखड़ सकते हैं, बिजली और संचार सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।
- समुद्री लहरें बढ़ने से निचले तटीय इलाकों में पानी भर सकता है।
- यातायात व्यवस्था — ट्रेनों, बसों और हवाई उड़ानों पर असर पड़ने की संभावना है।
प्रशासन की तैयारी
- तटीय इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने का कार्य तेज़ी से जारी है।
- स्कूल-कॉलेज बंद रखने और आपात राहत टीमों को तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
- नेवी, NDRF और स्थानीय पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है।
- मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त चेतावनी दी गई है।
जनता के लिए सावधानियां
- घर के आसपास ढीली वस्तुओं को सुरक्षित करें।
- बिजली के खंभों या पेड़ों के पास न जाएँ।
- मौसम विभाग के अलर्ट और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
- जरूरत पड़ने पर निकटतम राहत शिविर में पहुँचें।
- अफवाहों से बचें और केवल सरकारी स्रोतों से जानकारी लें।
चक्रवाती तूफान “मोंथा” भले ही एक प्राकृतिक आपदा हो, लेकिन सतर्कता और तैयारी से इसके नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
सरकार, प्रशासन और नागरिक तीनों का सहयोग ही इस चुनौती से निपटने की सबसे बड़ी ताकत है।
सावधानी रखें, सुरक्षित रहें और ज़रूरतमंदों की मदद करें यही इस समय सबसे बड़ा कर्तव्य है।