Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने असम में घुसपैठियों की पहचान के मामले में केंद्र और राज्य सरकार को सख्त निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने सरकार को इस मुद्दे पर तेजी से काम करने का आदेश देते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि अवैध घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें देश से बाहर निकाला जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी और इस पर सभी की नजरें रहेंगी।
जल्दी निकालो, हम सब देखते रहेंगे
सुप्रीम कोर्ट ने असम सरकार से इस मामले में तेजी दिखाने और ठोस कदम उठाने की अपील की है। न्यायालय ने स्पष्ट शब्दों में कहा, कि जल्दी निकालो, हम सब देखते रहेंगे। इसका मतलब है कि अब सरकार के पास सीमित समय है, और अदालत इस प्रक्रिया की प्रगति पर कड़ी नजर रखेगी।
NRC की प्रक्रिया पर सवाल
असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) की प्रक्रिया के बावजूद घुसपैठियों की पहचान और उन्हें बाहर निकालने का काम अब तक पूरी तरह से सफल नहीं हो पाया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि राज्य और केंद्र सरकार को मिलकर इस प्रक्रिया को तेज करना होगा।
असम में अवैध प्रवासियों की समस्या
असम लंबे समय से अवैध घुसपैठियों की समस्या से जूझ रहा है। बांग्लादेश से सीमा पार कर बड़ी संख्या में लोग अवैध रूप से असम में प्रवेश कर चुके हैं, जिससे सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता पैदा हो रही है। इस मुद्दे पर विभिन्न सरकारों ने कई कदम उठाए हैं, लेकिन समस्या का समाधान अभी तक नहीं हो पाया है।
सरकार से रिपोर्ट की मांग
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से समयबद्ध रिपोर्ट मांगी है, जिसमें घुसपैठियों की पहचान की प्रक्रिया, उनकी सूची और उन्हें निष्कासित करने की योजना का विस्तृत विवरण हो। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर सरकार ने इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सरकार पर बढ़ा दबाव
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद केंद्र और असम सरकार पर दबाव बढ़ गया है कि वे अवैध घुसपैठियों की पहचान और उन्हें देश से निष्कासित करने की दिशा में तेजी से काम करें। सरकार को अब अपनी नीति और कार्य योजना में सुधार कर अदालत के आदेश का पालन करना होगा। यह मामला न केवल असम के लिए बल्कि पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि घुसपैठ का मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। अब देखना होगा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के इस सख्त आदेश के बाद कितनी तेजी से इस दिशा में कदम उठाती है।