Sushila Karki बनीं नेपाल में अंतरिम प्रधानमंत्री: छह महीने में चुनाव कराने का ऐलान

13 सितंबर 2025 | दिल्ली-काठमांडू

Sushila Karki नेपाल के राजनीतिक इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। देश की पहली महिला चीफ जस्टिस रहीं सुशीला कार्की को नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है। केपी शर्मा ओली को सत्ता से खदेड़ने के बाद गहन राजनीतिक अस्थिरता, युवा आंदोलन और जन असंतोष की लहर से गुजर रहे नेपाल में सुशीला कार्की पर भरोसा जताया गया है कि वो नेपाल को फिर से पटरी पर लेकर आएंगी.  सुशीला कार्की का नाम एक स्वच्छ, निष्पक्ष और सशक्त महिला नेतृत्व के रूप में लिया जाता है — और यही उन्हें इस संवेदनशील दौर में एक आदर्श विकल्प बनाता है।

राजनीतिक पृष्ठभूमि: क्यों जरूरी थी अंतरिम सरकार?

पिछले कुछ महीनों से नेपाल में राजनीतिक संकट लगातार गहराता जा रहा था। मौजूदा सरकार पर भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और नीतिगत विफलताओं के आरोप लग रहे थे। खासकर युवाओं के बीच फैली Gen-Z आंदोलन की लहर ने सरकार की चूलें हिला दीं।

जनता का भरोसा खो चुकी सरकार के प्रधानमंत्री ने भारी दबाव और जान जोखिम में जाते देख इस्तीफ़ा दे दिया, और इसके बाद राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने संसद को भंग कर अंतरिम सरकार के गठन का ऐलान किया।

sushila karki nepal pm journalist india

नेपाल की पीएम शुशीला कार्की: एक न्यायप्रिय नेतृत्व

सुशीला कार्की का नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं। वे नेपाल की सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला प्रधान न्यायाधीश रही हैं और अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई साहसी फैसलों से न्यायपालिका की स्वतंत्रता को मजबूत किया।

उनका साफ छवि वाला व्यक्तित्व और संविधान के प्रति प्रतिबद्धता उन्हें एक स्थायी समाधान के रूप में सामने लाता है। यही कारण है कि राजनीतिक दलों और नागरिक समाज — दोनों ने उनके नाम पर सहमति जताई।

चुनाव की घोषणा: छह महीने में नया जनादेश

अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में सुशीला कार्की ने अपने पहले ही संबोधन में स्पष्ट कर दिया कि उनकी सरकार स्थायी शासन चलाने नहीं, बल्कि जनता को नया जनादेश दिलाने आई है। उन्होंने वादा किया है कि अगले छह महीनों के भीतर पारदर्शी, निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराए जाएंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि अंतरिम सरकार का उद्देश्य सिर्फ प्रशासनिक संचालन और चुनाव की तैयारी तक सीमित रहेगा। इसमें कोई नीतिगत निर्णय नहीं लिया जाएगा जो भावी सरकार की दिशा को प्रभावित करे।

nepal new pm sushila karki oath ceremony

चुनौतियां और उम्मीदें

इस अंतरिम व्यवस्था के सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं:

  • चुनाव आयोग की निष्पक्षता को सुनिश्चित करना
  • युवाओं के आक्रोश को लोकतांत्रिक दिशा देना
  • राजनीतिक दलों को चुनाव प्रक्रिया में सहयोग के लिए राज़ी करना
  • अंतरराष्ट्रीय भरोसे को बनाए रखना

हालांकि, इन सबके बीच एक आशा की किरण यह है कि नेपाल में लोकतंत्र अब सिर्फ नेताओं की मोहर का नाम नहीं, बल्कि जनता की आवाज बन चुका है।

नेपाल एक बार फिर नई शुरुआत की ओर

ऐसे दौर में जब नेपाल राजनीतिक आग में झुलस रहा है तब सुशीला कार्की का प्रधानमंत्री बनना नेपाल को पटरी पर लौटाने के लिए काफी नहीं होगा. नेपाल इस आग में झुलसकर बर्बादी की कगार पर खड़ा है. नेपाल की अर्थव्यवस्था चौपट हो चुकी है लेकिन नेपाल को व्यापार में कितना घाटा हो गया है ये तो अब आगे आंकड़े ही बताएंगे. यदि सब कुछ योजना के अनुसार चला, तो अगले छह महीनों में नेपाल एक नई लोकतांत्रिक सरकार के साथ अपने भविष्य की दिशा तय करेगा। जनता की निगाहें अब इस अंतरिम सरकार पर हैं — क्या यह सरकार भरोसा कायम रख पाएगी और देश को स्थायित्व की ओर ले जा पाएगी? यह आने वाला समय ही बताएगा।

 

Apple iPhone 17 Launch: : iPhone 17 Air: Apple ने रचा इतिहास — पेश किया अब तक का सबसे पतला iPhone

 

देश और दुनिया की खबरों के लिए जर्नलिस्ट इंडिया पर क्लिक करें…

Join Journalist India digital and give us your opinion

 

 

Nepal NewsSushila Karki
Comments (0)
Add Comment