Sam Pitroda News : पाकिस्तान में ‘घर जैसा’ महसूस करने वाले सैम पित्रौदा पर उठे सवाल: क्या यह राष्ट्रहित के खिलाफ है?

Sam Pitroda : भारतीय ओवरसीज़ कांग्रेस के अध्यक्ष औऱ राहुल गांदी के करीबी माने जाने वाले सैम पित्रौदा ने अपने बयानों से एक बाद फिर से विवाद खड़ा कर दिया है. सैम पित्रोदा ने कहा है कि उन्हें पाकिस्तान में “घर जैसा” महसूस होता है। उनका यह बयान उस समय आया है जब भारत आतंकवाद की चुनौती से जूझ रहा है और पड़ोसी मुल्क लगातार भारत विरोधी गतिविधियों का केंद्र बना हुआ है. ऐसे में सवाल उठना लाज़मी है कि क्या काग्रेस पार्टी के इतने बड़े पद पर बैठे एक वरिष्ठ राजनीतिक शख्सियत का ये बयान राष्ट्रहित और भारत की वैश्विक छवि के खिलाफ नहीं है?

क्यों विवादास्पद है पित्रौदा का बयान?

  1. आतंकवाद की अनदेखी

पाकिस्तान दशकों से भारत में आतंकवाद को समर्थन देता आया है। कश्मीर से लेकर मुंबई हमले और हालिया पहलगाम आतंकी हमले तक, भारत को हमेशा पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद झेलना पड़ा है। ऐसे माहौल में पाकिस्तान को “घर जैसा” बताना आतंक के शिकार परिवारों का अपमान माना जा रहा है.

  1. राष्ट्रीय एकता पर सवाल

जब भारत सरकार और जनता पाकिस्तान को लेकर एकजुट होकर कठोर रुख अपनाती है, तब कांग्रेस के एक बड़े नेता का ऐसा बयान राष्ट्रीय एकता को कमजोर करता है। इससे यह संदेश जाता है कि भारत का राजनीतिक वर्ग पाकिस्तान पर बंटा हुआ है.

  1. वैश्विक छवि को धक्का

अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत लगातार पाकिस्तान को आतंकवाद का अड्डा बताता है. लेकिन सैम पित्रौदा जैसे नेता के इस बयान से विदेशी विश्लेषकों को लगता है कि भारत भीतर से असंगत है. इससे भारत की वैश्विक रणनीति कमजोर पड़ती है.

  1. राजनीतिक लाभ का प्रयास?

आलोचकों का मानना है कि कांग्रेस का यह रुख पाकिस्तान के प्रति ‘नरमी’ दिखाने की कोशिश है, जिससे कुछ राजनीतिक या वैचारिक लाभ मिल सके। लेकिन इसका खामियाज़ा भारत की सुरक्षा और कूटनीति को भुगतना पड़ सकता है।

सैम पित्रोदा के बयानों की आलोचना औऱ प्रतिक्रियाएं

  • भाजपा की प्रतिक्रिया: भाजपा ने इस बयान को “पाकिस्तान प्रेम” करार दिया और कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह लगातार पाकिस्तान के प्रति नरमी दिखाती रही है। भाजपा नेताओं ने 26/11, पुलवामा, पहलगाम के बाद ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र कर पित्रौदा के बयान को असंवेदनशील बताया।
  • जनता में नाराज़गी: सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में लोग कह रहे हैं कि पित्रौदा का बयान उन शहीदों के बलिदान का अपमान है, जिन्होंने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से लड़ते हुए जान दी।

पित्रोदा का बयान औऱ भारती की वैश्विक छवी को नुक्शान :

सैम पित्रौदा का यह बयान न केवल विवादास्पद है बल्कि भारत की सुरक्षा, एकता और वैश्विक छवि पर भी सवाल खड़े करता है। जब भारत आतंकवाद से जूझ रहा है और पड़ोसी मुल्क बार-बार दुश्मनी दिखा रहा है, तब किसी वरिष्ठ नेता को ऐसे शब्दों का चयन करना चाहिए जो राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखे। पाकिस्तान को “घर जैसा” महसूस करना एक व्यक्तिगत भाव हो सकता है, लेकिन जब वही बात सार्वजनिक मंच पर कही जाए तो वह सिर्फ व्यक्तिगत नहीं रहती, बल्कि देश की सामूहिक छवि और नीति पर असर डालती है। साफ है, सैम पित्रौदा का यह बयान एक गंभीर भूल है और इसे नजरअंदाज करना भारत के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।

 

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