Health Tips : आजकल लोग मोबाइल, टीवी, लैपटॉप और कंप्यूटर का इस्तेमाल काफी ज्यादा कर रहे हैं। खासकर बच्चे और नौजवान घंटों-घंटों स्क्रीन के सामने बैठते हैं, जिससे उनकी आंखों पर बुरा असर पड़ रहा है। पहले जो समस्या बड़ी उम्र में होती थी, अब वह बच्चों में भी दिखाई दे रही है। बहुत कम उम्र में ही बच्चों को चश्मा लगाना पड़ रहा है।
मायोपिया क्या है?
इसमें व्यक्ति को दूर की चीजें धुंधली दिखाई देती हैं, लेकिन पास की चीजें आसानी से दिखती हैं। इसकी वजह से पढ़ाई, टीवी देखना या मोबाइल इस्तेमाल करना मुश्किल हो सकता है। यह समस्या आंख की पुतली के आकार में बदलाव की वजह से होती है, जिससे रेटिना पर सही जगह पर तस्वीर नहीं बनती। देश की 20-30 प्रतिशत आबादी मायोपिया से प्रभावित है, और इस समस्या के बढ़ने पर मोतियाबिंद या ग्लूकोमा जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
मायोपिया क्यों होती है?
आखों के एक्सपर्ट के अनुसार मायोपिया के पीछे कई कारण होते हैं। इसमें अनुवांशिक (जीन से संबंधित) और वातावरणीय कारण शामिल हैं। अगर आपके परिवार में किसी को मायोपिया है, तो आपको भी यह समस्या होने की संभावना ज्यादा होती है। इसके अलावा, ज्यादा समय तक इनडोर रहना, स्क्रीन के सामने ज्यादा वक्त बिताना, और बाहर कम समय बिताना भी मायोपिया को बढ़ावा देता है।
मायोपिया का इलाज और रोकथाम
मायोपिया होने पर चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस से इसे कंट्रोल किया जा सकता है। इसके अलावा खासतौर पर बच्चों में इसे बढ़ने से रोकने के लिए कुछ आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल किया जा सकता है।
मायोपिया से बचाव के तरीके
बच्चों को बाहर खेलने भेजें
जो बच्चे बाहर ज्यादा समय बिताते हैं, उनमें मायोपिया का खतरा कम होता है। रोजाना कम से कम दो घंटे बच्चों को बाहर खेलने के लिए प्रोत्साहित करें।
स्क्रीन टाइम सीमित करें
बच्चों का मोबाइल, टीवी, और कंप्यूटर का समय कम करें। 2 से 5 साल की उम्र के बच्चों के लिए दिनभर में एक घंटे से ज्यादा स्क्रीन देखने की अनुमति न दें। 2 साल से कम उम्र के बच्चों को बिल्कुल भी स्क्रीन के सामने न बैठाएं।
20-20-20 का नियम अपनाएं
बच्चों को हर 20 मिनट बाद 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर की किसी चीज को देखने के लिए कहें, इससे उनकी आंखों पर पड़ने वाला दबाव कम होता है।
आई चेकअप करवाएं
बच्चों की आंखों की नियमित जांच करवाएं, ताकि समय पर समस्या का पता लग सके और इसका इलाज हो सके। इन उपायों से आप अपने बच्चों की आंखों को मायोपिया से बचा सकते हैं और उनकी नजर को लंबे समय तक स्वस्थ रख सकते हैं।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है. journalistIndia इन मान्यताओं की पुष्टि नहीं करता है. यहां पर दी गई किसी भी प्रकार की जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य ले लें.