Healthy Lifestyle : फैटी लिवर एक ऐसी गंभीर स्थिति है जिसे हल्के में लेना आपकी सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। गलत खानपान, जीवनशैली और अधिक शराब के सेवन से लिवर में वसा का जमाव बढ़ सकता है, जिससे लिवर की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। स्वास्थ्य एक्सपर्ट का कहना है कि अगर इस समस्या पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो यह लिवर सिरोसिस और लिवर फेलियर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। आइए जानते हैं कि फैटी लिवर से बचने के लिए किन आदतों को तुरंत छोड़ने की जरूरत है।
इन फूड से दूरी बनाएं
फैटी लिवर का सबसे बड़ा कारण जंक फूड और तैलीय भोजन होता है। इनमें ट्रांस फैट और उच्च कैलोरी होती है जो लिवर में वसा का जमाव बढ़ाती हैं। इससे बचने के लिए अपने आहार में ताजे फल, सब्जियां, और फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करें।
शराब का सेवन कम करें
ज्यादा शराब का सेवन लिवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। शराब में मौजूद विषैले पदार्थ लिवर को विषाक्त बनाते हैं, जिससे फैटी लिवर और लिवर सिरोसिस का खतरा बढ़ जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर फैटी लिवर की समस्या है तो शराब से पूरी तरह दूरी बना लेना ही बेहतर है।
बैठे-बैठे ज्यादा समय न बिताएं
आजकल की लाइफस्टाइल में लोग घंटों तक बैठे रहते हैं, जिससे शरीर में चर्बी जमा होने लगती है। अधिक बैठने से मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ता है, जिससे लिवर में फैट बढ़ता है। नियमित रूप से हल्का व्यायाम करें, जैसे कि पैदल चलना, योग, या साइकिलिंग।
ज्यादा मीठा खाने से बचें
मीठे में मौजूद फ्रुक्टोज और अन्य शर्करा लिवर पर सीधा असर डालते हैं। सॉफ्ट ड्रिंक्स, केक, पेस्ट्री, और अन्य मीठे पदार्थों का अधिक सेवन लिवर में वसा को जमा करता है। बेहतर है कि प्राकृतिक शर्करा, जैसे फलों का सेवन करें और अतिरिक्त चीनी से बचें।
स्मोकिंग से रहें दूर
धूम्रपान सिर्फ फेफड़ों को ही नहीं, बल्कि लिवर को भी नुकसान पहुंचाता है। इसमें मौजूद केमिकल्स लिवर की कोशिकाओं को कमजोर बनाते हैं, जिससे लिवर में फैट की मात्रा बढ़ती है। धूम्रपान छोड़ना न सिर्फ लिवर बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित होता है। फैटी लिवर का इलाज जीवनशैली में बदलाव और स्वस्थ आदतों से किया जा सकता है। यदि समय रहते इन गलत आदतों को छोड़ दिया जाए और स्वस्थ खानपान को अपनाया जाए, तो लिवर से जुड़ी समस्याओं को नियंत्रित किया जा सकता है।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है.JournalistIndia इन मान्यताओं की पुष्टि नहीं करता है. यहां पर दी गई किसी भी प्रकार की जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य ले लें.