Sambhal News : उत्तर प्रदेश के संभल में कोर्ट के आदेश पर जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद पुलिस और प्रशासन सख्त कार्रवाई में जुटे हैं। अब तक इस मामले में 27 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें तीन नाबालिग भी शामिल हैं। इसके अलावा 74 अन्य दंगाइयों की पहचान कर ली गई है, जो फिलहाल फरार हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है।
दंगाइयों पर कसा शिकंजा
योगी आदित्यनाथ सरकार इस हिंसा के दोषियों पर कड़ा एक्शन लेने की तैयारी कर रही है। जानकारी के मुताबिक, सार्वजनिक स्थानों पर पत्थरबाजों और उपद्रवियों के पोस्टर लगाए जाएंगे। साथ ही, इनसे हुई क्षति की भरपाई भी करवाई जाएगी। आवश्यकता पड़ने पर आरोपियों पर इनाम भी घोषित किया जा सकता है। यूपी सरकार पहले से ही उपद्रवियों और अपराधियों के खिलाफ नुकसान की वसूली और पोस्टर लगाने की नीति लागू कर चुकी है।
इंटरनेट सेवा बंद
संभल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार ने बताया कि हिंसा के बाद रविवार से इलाके में इंटरनेट सेवा बंद है। हालांकि स्थिति अब सामान्य हो गई है, और बाकी सेवाएं बहाल कर दी गई हैं। घटना में शामिल लोगों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई, जिसमें 100 से अधिक लोगों की पहचान हो चुकी है। जल्द ही ये सभी आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होंगे।
नोटिस जारी
इसके साथ ही, पुलिस ने संभल के सांसद जिया-उर-रहमान बर्क को भी नोटिस जारी किया है। उन पर 23 नवंबर को BNS की धारा 168 के तहत कार्रवाई की गई है।संभल पुलिस और जिला प्रशासन ने घटना पर विस्तृत रिपोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपी है। इस रिपोर्ट में सर्वे टीम के आने के समय, हिंसा के प्रारंभिक स्थान और पत्थरबाजी की शुरुआत से जुड़ी सभी जानकारियां दी गई हैं। इसके अलावा, पुलिस कार्रवाई, दंगाई भीड़ की संख्या और हिंसा से निपटने के लिए उठाए गए कदमों का भी उल्लेख किया गया है। इस रिपोर्ट पर संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसियां और एसपी कृष्ण बिश्नोई के हस्ताक्षर हैं। रिपोर्ट में आगे की जांच और कार्रवाई की रूपरेखा भी शामिल की गई है।