Delhi Weather : देश की राजधानी दिल्ली एक बार फिर खतरनाक वायु प्रदूषण की चपेट में है। शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 350 के पार पहुंच गया है, जो “बहुत खराब” श्रेणी में आता है। हानिकारक प्रदूषकों से युक्त इस हवा में सांस लेना अब लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है। राजधानी में फैली धुंध और वायु प्रदूषण के चलते सामान्य जीवन भी प्रभावित हो रहा है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि मौजूदा हालात गंभीर हैं और दिल्लीवासियों को सतर्कता बरतनी चाहिए।
दिल्ली के वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण वाहनों से निकलने वाला धुआं, निर्माण कार्य, औद्योगिक उत्सर्जन और पड़ोसी राज्यों में जलाई जा रही पराली है। ठंड के मौसम में हवा की गति धीमी होने से प्रदूषक कण हवा में ही बने रहते हैं, जिससे AQI स्तर खतरनाक रूप से बढ़ जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, मौजूदा AQI का स्तर खासकर बच्चों, बुजुर्गों और सांस की बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए बेहद खतरनाक है।
प्रशासन ने दिया सख्त और निर्देश
दिल्ली सरकार और स्थानीय प्रशासन ने प्रदूषण से निपटने के लिए कई उपाय किए हैं। निर्माण कार्यों पर पाबंदी, सड़कों पर पानी का छिड़काव और कचरे को जलाने पर रोक लगाई गई है। वहीं, दिल्ली में ‘ग्रीन वॉर रूम’ और ‘स्मॉग टॉवर’ जैसी पहल भी शुरू की गई हैं ताकि वायु प्रदूषण के स्तर पर निगरानी रखी जा सके। इसके अलावा, लोगों को घर में रहने, मास्क पहनने और बाहर के काम कम से कम करने की सलाह दी जा रही है।
बचाव के लिए उपाय
प्रदूषित हवा में लंबे समय तक रहने से फेफड़ों में सूजन, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि AQI के इस स्तर पर लोगों को बाहर की गतिविधियां सीमित करनी चाहिए और बच्चों व बुजुर्गों को खास एहतियात बरतनी चाहिए।
बाहर निकलते समय N95 मास्क का प्रयोग करें। घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें। गुनगुना पानी पीते रहें और हेल्दी आहार लें। घर के अंदर पौधों का रखरखाव करें,जिससे ऑक्सीजन का स्तर बढ़ सके। दिल्ली का प्रदूषण स्तर फिलहाल चिंताजनक है और इससे निपटने के लिए सरकार और आम जनता को मिलकर प्रयास करना होगा। स्वस्थ जीवन के लिए स्वच्छ हवा की आवश्यकता होती है, और इस ओर सभी को कदम उठाने की जरूरत है।