फिर विवादों में घिरा मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट सैन्य धाम, राजस्व विभाग के नोटिफिकेशन पर रोक

देव भूमि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बन रहा शौर्य स्थल ( सैन्य धाम ) फिर विवादों में आ गया है, नैनिताल हाईकोर्ट ने राजस्व की जमीन को लेकर नोटिस जारी कर उत्तराखंड सरकार से जवाब मांगा है औऱ काम पर रोक लगा दी है.

Sainya Dham Dehradun : देहरादून में बन रहे पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजैक्ट सैन्य धाम को लेकर नैनिताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है. ये नोटिस सैन्य धाम में स्थानीय लोगों की जमीन का उपयोग करने के लिए राजस्व विभाग द्वारा 21 अगस्त 2023 को जारी नोटिफ्केशन पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार को जारी किया है.

सीमा कन्नौजिया की याचिका बनी भूमि मालिकों के लिए राहत

सैन्य धाम में स्थानीय लोगों की जमीन के उपयोग को लेकर देहरादून की स्थानीय निवासी सीमा कन्नौजिया ने नैनिताल हाईकोर्ट मे याचिका दायर की थी. इस याचिका में कहा गया था कि देहरादून के मसूरी रोड पर गुनियाल गांव में बन रहे सैन्य धाम में सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास विभाग द्वारा डायना यूरो कैम प्राइवेट लिमि. और अन्य स्थानीय लोगों की जमीन पर कब्जा कर उसमें सैन्य धाम औऱ सैन्य धाम को जाने वाले मार्ग का निर्माण कर रही है, जबकि ये जमीन अभी भी राजस्व विभाग के खसरे में भू मालिकोंं के नाम पर ही दर्ज है ।

क्या हैं आरोप  ?

कहा गया है कि सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास विभाग ने स्थानीय लोगों की निजी भूमि पर निर्माण कार्य शुरू करने से पूर्व न तो भूमि का अधिग्रहण किया, न ही भूमि मालिकों को कहीं दूसरी जगह भूमि आवंटित की और न ही उन्हें उचित मुवावजा दिया गया.

Dehradun Sainik Dham High Court Court Paper

कहां फंसा पूरा मामला ?

कहा जा रहा है कि 50 बीधा भूमि पर 63 करोड़ रूपए की लागत से बन रहे सैन्य धाम के आस-पास के 500 मीटर के दायरे में कोई निर्माण कार्य नहीं होगा, जिसके लिए चीफ टाउन प्लानर ने मास्टर प्लान में संसोधन की प्रक्रिया शुरू कर दी है अब शासन की मुहर के बाद सैन्य धाम के 500 मीटर के दायरे की भूमि फ्रिज जोन घोषित हो जाएगी. ऐसे में उस 500 मीटर के दायरे में जिसकी भूमि आ रही है वो भूमि उन भूमि मालिकों के लिए किसी भी काम की नहीं रह जाएगी इसको लेकर विवाद बढ़ गया है औऱ हाईकोर्ट ने इस पर नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी.

याचिका कर्ता से जर्नलिस्ट इंडिया ( Journalist India ) ने जब बातचीत की तो उन्होंने कहा

हमने मामले में कई बार राज्य सरकार को अवगत कराया, इस मामले में पत्र भी लिखा, डीएम को भी पत्र लिखा सैन्य कल्याण को भी अवगत कराया, दिल्ली में बैठी केंद्र सरकार को भी इस मामले में अवगत कराया, लेकिन हमारी एक भी नहीं सुनी गई औऱ लगातार निर्माण कार्य चलता रहा, जिसके बाद मजबूरन मुझे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा- सीमा कन्नौजिया

क्या है शौर्य स्थल यानी ( सैन्य धाम ) प्रोजैक्ट

शौर्य स्थल यानी ( सैन्य धाम ) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का एक ड्रीम प्रोजैक्ट है, इस प्रोटैक्ट को लाने से पहले ये भूमिका बनाई गई थी कि ये उत्तराखंड का पांचवा धाम होगा जिसमें द्वितीय विश्वयुद्ध से लेकर अब तक उत्तराखंड के शहीद सैनिकों के चित्र लगाए जाएंगे तथा उनके बारे में जानकारी दी जाएगी. सभी सहीद सैनिकों के आगन की मिट्टी भी यहां कलश में रखी जाएगी, इसके अलावा यहां लाइट साउंड सिस्टम, सेना के टैंक, जहाज के साथ ही और भी सैन्य उपकरण रखे जाएंगे.

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