Ganga Plan : गंगा नदी को स्वच्छ बनाने के उद्देश्य से योगी सरकार ने एक योजना की शुरुआत कर दी है। जिसके तहत उत्तर प्रदेश के 30 जिलों में गंगा प्लान तैयार किया जाएगा, जिसे चार चरणों में लागू किया जाएगा। संबंधित जिलों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए हैं और जिला गंगा समिति के पदाधिकारियों को योजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। योजना के कार्यान्वयन से पहले इन पदाधिकारियों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
स्वच्छ होगी मां गंगा
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की रिपोर्ट के अनुसार, रोजाना लाखों लीटर गंदा पानी गंगा और उसकी सहायक नदियों में गिरने से पानी की गुणवत्ता बेहद खराब हो रही है। इस समस्या का समाधान करने के लिए स्वच्छ गंगा मिशन के तहत प्रयास तेज किए गए हैं। नदी में प्रदूषण को रोकने और प्रवाह को सुधारने के लिए यह गंगा प्लान बनाया जा रहा है।
चार चरणों में लागू होगा सफाई अभियान
प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए जिलों को चार चरणों में जाएंगे। पहले चरण में बिजनौर, अमरोहा और संभल जिलों का प्रशिक्षण दिया गया। दूसरे चरण में कानपुर, उन्नाव, बलिया, वाराणसी, कौशांबी, प्रयागराज, पीलीभीत, प्रतापगढ़, चंदौली, भदोही और संतकबीरनगर को शामिल किया गया है। तीसरे चरण में अलीगढ़, मेरठ, मुजफ्फरनगर, मिर्जापुर और हापुड़ को रखा गया है, जबकि चौथे चरण में फर्रुखाबाद, हरदोई, लखीमपुर खीरी, बदायूं, कासगंज, कन्नौज, फतेहपुर, बुलंदशहर और रायबरेली शामिल हैं।
एनजीटी के अध्यक्ष जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव ने 6 नवंबर को दिए एक आदेश में कहा था कि प्रयागराज में गंगा का जल इतना दूषित हो चुका है कि आचमन के योग्य भी नहीं रह गया है। यहां 25 खुले नालों का गंदा पानी गंगा और 15 नालों का गंदा पानी यमुना में बह रहा है।