क्या राहुल गांधी का बढ़ गया है कद ? संसद में नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद राहुल गांधी का कितना रहेगा दबदबा?

18वीं लोकसभा के लिए पूरे देश में घूम कर खुद को तपाने वाले राहुल गांधी अब लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बनकर विपक्षी मुद्दों को गरम रखने के साथ सरकार के लिए चुनौती बन सकते हैं, नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद राहुल गांधी की कितनी ताकत बढ़ेगी आईए समझते हैं.

Journalist India : राहुल गांधी 18वीं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बन गए हैं, इंडिया गठबंधन ने राहुल गांधी के नाम का ऐलान करते ही सरकार के लिए एक चुनौती खड़ी कर दी है. पिछले कुछ समय से देखा जा रहा है कि राहुल गांधी अपनी बातों को एग्रेसिव होकर मजबूती से रख रहे हैं, उनकी बातों को भी चुना जा रहा है, पिछले चुनाव में पीएम मोदी के ही डायलॉग चलते थे लेकिन इस बार राहुल गांधी के डॉयलाग भी खूब छाए रहे, इस बार राहुल गांधी के खटा-खट और फटा-फट वाले डॉयलाग छाए रहे, जिनको विपक्ष के सभी नेताओं ने मंचों से खूब दोहराया, यहां तक की पीएम मोदी भी खटाखट-फटाफट बोलते नजर आए, ऐसे में अब राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष के रूप में सरकार के लिए एक चुनौती माना जा रहा है.

राहुल गांधी कैसे बन सकते हैं मोदी सरकार के लिए चुनौती

एक ओर जहां कांग्रेस पहले से ही INDIA गठबंधन की अघोषित रूप से अगुवाई कर रही थी वहीं अब लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद राहुल गांधी का इंडिया गठबंधन में कद भी बड़ गया है, राहुल गांधी पिछले कई समय से ऐसे मुद्दों को उठा रहे हैं जिससे जनता जुड़ रही है और यहीं वजह है कि राहुल गांधी मोदी सरकार के लिए मुसीबत बन सकते हैं, राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान संविधान को बचाने, महंगाई, बेरोजगारी, अग्नीवीर जैसे मुद्दों पर लगातार भाजपा और मोदी सरकार पर हमला किया था, ऐसे में और अब नेता प्रतिपक्ष बनकर राहुल गांधी संसद में इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करेंगे. आने वाले 5 सालों में राहुल संसद में विपक्ष के मुख्य वक्ता के तौर पर देखे जाएंगे और उनकी बातों को सुना भी जाएगा. राहुल गांधी के लिए ये एक औऱ अच्छी अपॉर्चुनिटी है जो उन्हें और कांग्रेस पार्टी को आगे चलकर फायदा देगा.

Rahul Gandhi leader of the opposition is a challenge for the Modi government

हाथ में संविधान लेकर घूम रहे हैं राहुल गांधी

राहुल गांधी लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान से ही हाथ में संविधान की किताब लेकर घूम रहे हैं, राहुल गांधी 18वीं लोकसभा के पहले दिन भी संविधान की किताब लेकर संसद में पहुंचे थे और उन्होंने प्रधानमंत्री को संसद सदस्यता ग्रहण करने के दौरान संविधान की किताब दिखाई थी. ऐसे में अब राहुल गांधी लगातार मुखर हो रहे हैं जो आने वाले दिनों में उनकी पॉपुलैरिटी या विश्वसनीयता को बढ़ा सकता है.

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