Prayagraj UPPSC Student Protest : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) में नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। अभ्यर्थियों के इस आंदोलन को देखते हुए आयोग कार्यालय के बाहर का क्षेत्र कड़ी सुरक्षा के बीच छावनी में बदल दिया गया है। सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए पुलिस बल के साथ-साथ रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) को भी तैनात किया गया है। आज सुबह ( 12 नवंबर) 10 बजे के बाद एक बार फिर आयोग कार्यालय के बाहर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों के जुटने की संभावना है।
दूसरे दिन भी आंदोलन जारी
यूपी लोक सेवा आयोग के खिलाफ प्रतियोगी अभ्यर्थियों का आंदोलन दूसरे दिन भी जारी है। रविवार रात आयोग के दफ्तर के बाहर बड़ी संख्या में छात्र इकट्ठा हुए, जिन्होंने रातभर बोतलें पीटते हुए और नारेबाजी करके अपना विरोध व्यक्त किया। सोमवार सुबह 6 बजे अभ्यर्थियों ने राष्ट्रगान के साथ प्रदर्शन की शुरुआत की, जिसमें महिला अभ्यर्थियों ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया। रात के समय भी कई महिला अभ्यर्थी आयोग के दफ्तर के बाहर डटी रहीं। आज सुबह 10 बजे के बाद एक बार फिर आयोग कार्यालय के बाहर भारी संख्या में भीड़ जुटने की संभावना है।
कार्यालय के बाहर RAF और पुलिस तैनात
अभ्यर्थियों के आंदोलन को देखते हुए आयोग कार्यालय के आसपास का क्षेत्र पूरी तरह से छावनी में बदल दिया गया है। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस बल के साथ रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) भी तैनात की गई है। प्रतियोगी छात्र यूपी पीसीएस 2024 और आरओ-एआरओ 2023 की प्रारंभिक परीक्षाओं को एक ही दिन और एक ही शिफ्ट में आयोजित करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि दो दिन परीक्षा आयोजित करने से नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया उनके परिणामों पर नकारात्मक असर डालेगी, जो उनके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।
देर रात पुलिस और आयोग के अधिकारियों ने प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों से बातचीत कर उन्हें समझाने की कोशिश की। अधिकारियों ने कहा कि यह बदलाव परीक्षाओं को और अधिक पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से किया गया है। हालांकि, बातचीत से कोई समाधान नहीं निकल सका, और अभ्यर्थी अपनी मांग पर डटे रहे।
अभ्यर्थियों की मांग क्या है
अभ्यर्थियों का कहना है कि नॉर्मलाइजेशन का नियम लागू करने से कुछ उम्मीदवारों को लाभ और कुछ को हानि होगी। उनका तर्क है कि परीक्षा दो शिफ्ट में होने पर कठिनाई स्तर अलग-अलग हो सकता है, जिससे नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया में अच्छे उम्मीदवारों के छटने का खतरा बढ़ जाएगा और भ्रष्टाचार की संभावना भी बढ़ सकती है। वे चाहते हैं कि परीक्षा एक ही दिन और एक ही शिफ्ट में हो। आयोग ने जवाब दिया है कि उनके पास सभी 6 लाख अभ्यर्थियों की परीक्षा एक साथ करवाने के लिए पर्याप्त परीक्षा केंद्र नहीं हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि पहले आयोग इससे भी अधिक संख्या में परीक्षाएं आयोजित कर चुका है। इस स्थिति में आयोग और अभ्यर्थियों के बीच मतभेद बने हुए हैं।