स्कीम से सत्ता पाने की चाहत, गो गो दीदी स्कीम दिलाएगी भाजपा को सत्ता, क्या है भाजपा का मिशन झारखंड ?
आने वाले दिनों में झारखंड में विधानसभा के चुनाव होने हैं इसको लेकर अब बीजेपी ने एक नया प्लान तैयार किया. भाजपा इसी प्लान के तहत झारखंड में हेमंत सोरेन को बाहर कर सत्ता में आना चाहती है, क्या है भाजपा का ये प्लान आइए आपको बताते हैं. हरियाणा और जम्मू कश्मीर में चुनाव के बाद अब राजनीतिक पार्टियों की नजरें महाराष्ट्र और झारखंड जैसे चुनावी राज्यों पर टिक गई है, हर पार्टी सत्ता पाने के लिए अपना राजनीतिक गणित भिड़ाने में लग गई है ऐसे में बीजेपी ने झारखंड में हेमंत सोनेर को सत्ता से बाहर करने के लिए गो-गो-दीदी स्मीक को चुनावी मैदान में उतार रही है. भारतीय जनता पार्टी झारखंड में सरकार बनाने के लिए ही सरकारी स्कीम को सूपर ओवर के तौर इस्तेमाल करना चाहती है,
क्या है ये इस्कीम जिसके चलते बीजेपी सत्ता पाना चाहती है ?
भाजपा एक नई योजना के तहत झारखंड में हर लड़की और महिलों को हर महीने 2100 रुपये की आर्थिक मदद देने की बातें कर रही है, अब मजे की बात ये है कि इसका लाभ पाने के लिए बाकायदा फॉर्म भरने की बातें कही जा रही है जिसके लिए फार्म भी जारी कर दिए गए हैं, कहा जा रहा है कि जो भी इस फॉर्म को भरेगा उसी को भाजपा सरकार आने पर इस स्कीम का लाभ भी मिलेगा.
ऐसे में अब हमको बताते हैं कि आखिर क्या है बीजेपी की ये सत्ता पाने वाली “गो गो दीदी” की जादूई स्कीम.
दरअसल झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन महिलाओं के लिए “मैय्या सम्मान योजना” चलाती है और इसी योजना के फ्लाप करने और अपनी योजना को हिट करने के लिए बीजेपी ने गो-गो-दीदी स्कीम लॉंच की है. बीजेपी इस योजना के तहत चुनावी मैदान में महत्वपूर्ण महिला वोट बैंक को साधना चाहती है.
किस किसको मिलेगा इसका लाभ ?
बीजेपी की इस योजना के तहत 15 से 59 साल की सभी महिलाओं और किशोरियां को इसका लाभ मिलेगा जो कि सीधे उनके बैक खातों में हर महीने 2100 रुपये की आर्थिक सहायता के नाम पर दिया जाएगा.
बीजेपी की इस योजना पर क्यों उठ रहे हैं सवाल ?
बीजेपी की इस इसी गो-गो-दीदी योजना पर अब सवाल उठने लगे हैं, कहा जा रहा है कि बीजेपी सत्ता पाने के लिए जनता को लालची बना रही है, साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि राजनीतिक पार्टियों द्वारा जनता को ऐसा लालच देकर सत्ता में आना लोगतांत्रिक परंपरा के खिलाफ है.
अब ऐसे में गौर करने वाली क्या बात है ?
अब ऐसे में गौर करने वाली बात ये है कि राजनीतिक पार्टियां पहले जनता को फ्री या इसी तरह के कई प्रलोभन देते हैं फिर सत्ता में बैठकर जनता के ही पैसों को जनता को बांटकर उनपर भारीभरकम टैक्स का बोझ लाद देते हैं और वही भोली भाली जनता राजनीतिक पार्टियों के इसी मायाजाल में उलझक दम तोड़ने लगती है.