Jamia Millia Islamia University : दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से एक बड़ी खबर आ रही है, बताया जा रहा है, कि दो गुटों के बीच हिंसक झड़प का मामला सामने आया है। दरअसल, छात्रों के बीच यह विवाद तब बढ़ा जब एक गुट की ओर से फिलीस्तीन समर्थक नारे लगाए गए। इस दौरान कुछ छात्राओं पर अभद्र टिप्पणियों का भी आरोप लगाया गया है, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई।
DCP ने क्या बताया
DCP रवि कुमार सिंह ने जानकारी दी कि यूनिवर्सिटी के कॉलेज दिवाली की छुट्टियों के चलते बंद होने वाले थे, इसलिए मंगलवार( 22 october ) शाम करीब 6:30 बजे सेलिब्रेशन का आयोजन किया गया था। इस दौरान एक गुट के छात्रों ने नारेबाजी और हंगामा करना शुरू कर दिया, जिसके जवाब में दूसरे गुट ने भी नारेबाजी की। स्थिति बिगड़ते हुए मारपीट तक पहुंच गई। झड़प की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और छात्रों को समझा-बुझाकर हालात को काबू में किया गया। तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए बुधवार सुबह भी यूनिवर्सिटी में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
चश्मदीदों का बयान
चश्मदीद छात्रों के अनुसार झड़प उस समय शुरू हुई जब एक गुट ने “फिलीस्तीन जिंदाबाद” के नारे लगाए, जिसके बाद दोनों पक्षों में तनाव बढ़ गया। एक छात्र ने बताया, “न केवल फिलीस्तीन के समर्थन में नारेबाजी की गई, बल्कि कुछ छात्राओं पर भी अभद्र टिप्पणी की गई, जिससे विवाद और भड़क गया।
झड़प के पीछे क्या है वजह
झड़प के पीछे का स्पष्ट कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन यह कहा जा रहा है कि फिलीस्तीन मुद्दे को लेकर चल रही अंतरराष्ट्रीय चर्चा ने विश्वविद्यालय परिसर में भी तनाव पैदा कर दिया है। कई छात्रों का मानना है कि इस झगड़े के पीछे राजनीतिक विचारधारा और मतभेद हो सकते हैं।
प्रशासन का बयान
जामिया प्रशासन ने इस घटना की निंदा की है और कहा है कि जांच चल रही है। प्रशासन ने यह भी आश्वासन दिया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। पुलिस भी इस मामले की जांच कर रही है और हिंसा के पीछे के कारणों को जानने की कोशिश कर रही है।
विश्वविद्यालय में तनाव का माहौल
घटना के बाद से विश्वविद्यालय परिसर में तनाव का माहौल है। कई छात्र संगठनों ने इस झड़प की निंदा की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। फिलहाल पुलिस बल को विश्वविद्यालय में तैनात किया गया है ताकि स्थिति को काबू में रखा जा सके और आगे किसी भी प्रकार की ऐसी घटना से बचा जा सके। इस घटना ने जामिया यूनिवर्सिटी के माहौल में असुरक्षा की भावना पैदा कर दी है।