Govardhan Puja 2024 : गोवर्धन पूजा का पर्व दिवाली के अगले दिन मनाया जाता है। इसे भगवान श्रीकृष्ण के गोवर्धन पर्वत को उठाकर ब्रजवासियों को संकट से बचाने की कथा से जोड़ा जाता है। इस दिन को अन्नकूट महोत्सव भी कहा जाता है, जिसमें भगवान कृष्ण को 56 प्रकार के भोग अर्पित किए जाते हैं। आइए जानते हैं कि गोवर्धन पूजा के दिन क्या करना चाहिए और किन चीजों से बचना चाहिए ताकि भगवान कृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त हो सके।
क्या करें
सूर्योदय से पहले उठें
गोवर्धन पूजा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठना शुभ माना जाता है। उठकर स्नान के बाद साफ कपड़े पहनें और मन को शुद्ध रखें।
गोवर्धन पर्वत का प्रतीक बनाएं
घर के मुख्य द्वार के सामने गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाएं। इसके चारों ओर ग्वालों, पशुओं, पेड़ों और पौधों की आकृति बनाना भी शुभ माना जाता है। इसके बीच में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति या तस्वीर रखें।
गोवर्धन पूजा करें
गोवर्धन पूजा में भगवान कृष्ण को पंचामृत से स्नान कराएं और उनके सामने धूप, दीप, फूल और चंदन अर्पित करें। साथ ही 56 भोग यानी अन्नकूट का प्रसाद अर्पित करें, जिसमें तरह-तरह के पकवान, मिठाइयां और अनाज शामिल हों।
गाय की पूजा
हिंदू धर्म में गाय को पवित्र माना जाता है, और गोवर्धन पूजा के दिन विशेष रूप से गाय की पूजा की जाती है। गायों को भोजन कराएं और उन्हें फूल-माला पहनाएं।
भगवान श्रीकृष्ण की कथा सुनें
गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्रीकृष्ण के बाल लीलाओं और गोवर्धन पर्वत की कथा का श्रवण करें। इससे मन और आत्मा शुद्ध होती है और भक्ति में वृद्धि होती है।
क्या न करें
क्रोध और अभद्र भाषा से बचें
इस दिन क्रोध करने और किसी को बुरा बोलने से बचें। गोवर्धन पूजा शांति और प्रेम का प्रतीक है, और इसका पालन करने से भगवान की कृपा प्राप्त होती है।
अनादर न करें
घर के बड़े-बुजुर्गों और विशेष रूप से गौमाता का अनादर न करें। उनका सम्मान करने से सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
मांसाहार और मदिरा का सेवन न करें
गोवर्धन पूजा जैसे पवित्र दिन पर मांसाहार और शराब का सेवन वर्जित है। इस दिन शुद्ध शाकाहारी भोजन करें और धार्मिक गतिविधियों में शामिल हों। गोवर्धन पूजा के दिन बिना स्नान किए पूजा न करें। शारीरिक और मानसिक शुद्धि का विशेष महत्व होता है, इसलिए स्नान कर ही पूजा में शामिल हों।
ध्यान भटकाने वाली गतिविधियों से बचें
इस दिन व्यर्थ की बातों में समय न गंवाएं। भगवान श्रीकृष्ण के ध्यान, उनकी भक्ति और पूजा में मन को लगाएं। गोवर्धन पूजा का यह पर्व भगवान कृष्ण के प्रति असीम श्रद्धा और उनके द्वारा दिए गए जीवन मूल्यों का पालन करने का अवसर है।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है.JournalistIndia इन मान्यताओं की पुष्टि नहीं करता है. यहां पर दी गई किसी भी प्रकार की जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य ले लें.