Chhath Puja 2024 : इस साल महापर्व छठ की शुरुआत 5 नवंबर को नहाय खाय के साथ होगी, जो कि सभी त्योहारों में सबसे कठिन माना जाता है। पहले दिन नहाय खाय के दौरान व्रति महिलाएं स्नान करके पूजा करती हैं और उसके बाद सात्विक भोजन करती हैं। इसके बाद, दूसरे दिन खरना मनाया जाता है, जब शाम को गुड़ वाली खीर बनाई जाती है, जिसे चावल आटे की रोटी के साथ खाया जाता है। तीसरे दिन ढलते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है, जिसे संध्या अर्घ्य कहा जाता है। अंतिम दिन, उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद, जिसे उषा अर्घ्य कहते हैं, व्रति महिलाएं अपना व्रत खोलती हैं।
नवंबर महीने का व्रत-त्योहार
- गोवर्धन पूजा, अन्नकूट- 2 नवंबर 2024
- भाई दूज- 3 नवंबर 2024
- वरद चतुर्थी, नहाय-खाय- 5 नवंबर 2024
- लाभ पंचमी, खरना- 6 नवंबर 2024
- छठ पूजा षष्ठी- 7 नवंबर 2024
- छठ पूजा उषा अर्घ्य- 8 नवंबर 2024
- गोपाष्टमी दुर्गाष्टमी व्रत- 9 नवंबर 2024
- अक्षय नवमी- 10 नवंबर 2024
- देवउठनी एकादशी- 12 नवंबर 2024
- प्रदोष व्रत, तुलसी विवाह- 13 नवंबर 2024
- कार्तिक पूर्णिमा, देव दीपावली- 15 नवंबर 2024
- वृश्चिक संक्रांति- 16 नवंबर 2024
- रोहिणी व्रत- 17 नवंबर 2024
- संकष्टी गणेश चतुर्थी- 18 नवंबर 2024
- कालभैरव जयंती- 22 नवंबर 2024
- कालाष्टमी- 23 नवंबर 2024
- उत्पन्ना एकादशी- 26 नवंबर 2024
- प्रदोष व्रत- 28 नवंबर 2024
- मासिक शिवरात्रि- 29 नवंबर 2024
देवउठनी एकादशी
देवउठनी एकादशी जिसे देवुत्थान एकादशी भी कहा जाता है, इस साल 12 नवंबर को मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान विष्णु अपने चार महीने की योग निद्रा से जागते हैं। देवउठनी एकादशी के बाद सभी शुभ और मांगलिक कार्य शुरू होते हैं।
तुलसी विवाह
हिंदू धर्म में देव दीपावली का विशेष महत्व है, जिसमें कहा जाता है कि सभी देवता धरती पर उतरते हैं। काशी (वाराणसी) में देव दीपावली की खास रौनक होती है, जहां दूर-दूर से लोग इसे देखने आते हैं। इस साल देव दीपावली 15 नवंबर को मनाई जाएगी।
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