Diwali 2024: दीपावली जिसे रोशनी का त्योहार कहा जाता है, इस वर्ष विशेष धूमधाम से मनाई जाएगी। यह पर्व न केवल लक्ष्मी पूजा के लिए खास है, बल्कि पूरे पांच दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में एक-एक दिन का अपना अलग महत्व होता है। दिवाली का मुख्य पर्व इस वर्ष 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा, जिसमें मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व है। इसके अलावा, गोवर्धन पूजा, भाई दूज जैसे अनुष्ठान भी इस सप्ताह के दौरान मनाए जाते हैं। यहां जानें सभी महत्वपूर्ण तिथियां और शुभ मुहूर्त।
दिवाली और लक्ष्मी पूजन
इस साल दीपावली का पर्व कार्तिक अमावस्या तिथि में 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा, इस दिन विशेष रूप से मां लक्ष्मी का पूजन होता है.. बात करें शुभ महुर्त की तो सायं 6:27 से रात 8:23 बजे तक है। यह शुभ महुर्त रहने वाला है,
गोवर्धन पूजा
इस बार गोवर्धन पूजा का पावन त्योहार 2 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा, हालांकि इसकी तिथि 1 नवंबर की शाम 6:16 को शुरू हो जाएगी और इसका समापन 2 नवंबर को रात 8:21 पर होगा, ऐसे में उदिया तिथि के अनुसार गोवर्धन पूजा का त्योहार 2 नवंबर को ही मनाया जाएगा.
बात करें, शुभ महुर्त की तो गोवर्धन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 2 नवंबर 2024 को सुबह 6 बजे से लेकर 8:00 तक रहेगा.
इसके बाद दोपहर में 3:23 से लेकर 5:35 के बीच में भी पूजा अर्चना की जा सकती है. गोवर्धन पूजा के लिए सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर गोबर से गोवर्धन पर्वत और भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति बनाई जाती है, मूर्ति को फूलों और रंगों से सजाया जाता है. इसके बाद गोवर्धन पर्वत और भगवान श्री कृष्ण की पूजा अर्चना की जाती है, भगवान को फल, फूल, मिष्ठान आदि अर्पित किए जाते हैं. इस दौरान कढ़ी और अन्नकूट, चावल का भोग जरूर लगाया जाता है.
भाई दूज
भाई दूज का पर्व भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करने वाला पर्व है। इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। भाई दूज का पूजन विशेष मुहूर्त में किया जाता है और इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक करती हैं। भाई दूज की तिथि 2 नवंबर को रात 8:21 पर शुरू हो जाएगी और इसका समापन 3 नवंबर को 10:05 पर होगा. ऐसे में उदिया तिथि के अनुसार भाई दूज का त्योहार 3 नवंबर को ही मनाया जाएगा.
3 नवंबर को भाइयों को तिलक करने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 10 मिनट से लेकर 3 बजकर 22 मिनट तक है. इस दौरान बहनें अपने भाई को तिलक लगा सकती हैं.
दिवाली पर पूजा विधि और सावधानियां
दिवाली के दिन पूजा करते समय विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए। पूजा स्थल की सफाई का ध्यान रखें और पूर्व दिशा में दीप जलाएं। लक्ष्मी पूजन में नए आभूषण, बर्तन या अन्य सामग्रियों का उपयोग कर सकते हैं। इसके साथ ही पूजा में केवल शुद्ध घी और तिल के तेल के दीपक का ही उपयोग करें।