क्या फिर से बांग्लादेश में होने वाली है शेख हसीना की एंट्री?
शेख हसीना फिर से बांग्लादेश की राजनीति में रखेंगी कदम?
फिर से सक्रिय होने लगी आवामी लीग?
ताज़ा बयानों के क्या हैं मायने?
Bangladesh Crisis News Update: जर्नलिस्ट इंडिया की इस रिपोर्ट में आज बात शेख हसीना (Sheikh Hasina) और बांग्लादेश (Bangladesh) की करेंगे. बंग्लादेश के हिंसक विरोध और प्रदर्शनों के बाद 4 महीने पहले सत्ता छोड़कर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना ने भारत की शरण ले ली थी. बता दें कि 5 अगस्त को बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री आवास और संसद पर कब्जा कर लिया था. जिसके बाद से बांग्लादेश के हालात बिगड़ते चले गए. हिंदू निशाने पर हैं, मंदिर तोड़े जा रहे हैं, अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं. यहां तक कि इस्कॉन को आतंकी संगठन तक बता दिया गया. वहीं, बांग्लादेश में हिंदुओं पर जारी हमलों के बीच देश की अंतरिम सरकार के मुखिया मुहम्मद यूनुस सत्ता की कमान फिलहाल संभाले हुए हैं.
फिर एक्टिव हो गईं शेख हसीना
इस बीच शेख़ हसीना कहीं गायब रहीं, लेकिन अचानक से लंबी चुप्पी के बाद अब उन्होंने राजनीतिक बयान देने शुरू कर दिए हैं. जैसे-
- पिछले दिनों शेख हसीना के बेटे ने भी बयान दिया था कि देश में लोकतंत्र की बहाली के बाद एक बार फिर शेख हसीना बांग्लादेश लौट आएंगी।
- पिछले हफ़्ते उन्होंने न्यूयॉर्क में अपनी अवामी लीग पार्टी के एक कार्यक्रम में ऑनलाइन हिस्सा लिया
- हसीना 8 दिसंबर को टेलीफ़ोन के ज़रिए लंदन में हो रहे एक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगी.
- इससे पहले शेख़ हसीना यूरोप के दो देशों में भाषण दे चुकी हैं.
- अमेरिका में ट्रंप की वापसी पर भी उनका बयान सामने आया.
ऐसे में शेख़ हसीना के अचानक आने वाले सार्वजनिक बयानों से कयास लगाए जाने लगे हैं कि वो फिर से राजनीति में सक्रिय हो रही हैं.
हालांकि उनकी पार्टी अवामी लीग के संगठन सचिव ख़ालिद महमूद चौधरी का कहना है कि अवामी लीग हमेशा से राजनीति में रही है.
ताजा बयानों में शेख हसीना ने क्या-कुछ कहा?
- बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का मुद्दा उठाया
- हसीना ने दावा किया था कि उन्हें और उनकी बहन शेख़ रेहाना की हत्या की साज़िश रची गई थी
- देश अब उपद्रवियों के हाथ में चला गया है
शेख हसीना के बयानों के प्रसारण पर लगा बैन
उनके इन बयानों के बाद बांग्लादेश की एक ट्रिब्यूनल ने गुरुवार यानी 5 दिसंबर को शेख हसीना के बयानों को “हेट स्पीच” से जोड़ते हुए उनके बयानों के प्रसारण पर बैन लगा दिया है. दिलचस्प बात ये है कि जिस ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना के स्पीच को प्रसारित करने पर रोक लगाई है, उसकी शुरुआत साल 2010 में शेख हसीना ने ही की थी. हालांकि शेख हसीना के भाषणों पर प्रतिबंध लगाए जाने का विरोध भी हो रहा है. बहरहाल, जिस तरह से ऑनलाइन मोड के जरिए शेख हसीना और आवामी लीग एक बार फिर से एक्टिव हो गया है..उससे कयास लगने शुरू हो गए हैं कि क्या जल्द से हसीना बंग्लादेश वापसी कर सकती है.