Baba Jagannath Rath Yatra 2025 : उड़ीसा के पुरी धाम की पावन धरती पर आज फिर जय जगन्नाथ के जयकारे गूंज रहे हैं। यहां की हवाएं बाबा जगन्नाथ की गूंज से और पावन हो गई हैं. 2025 की ऐतिहासिक श्री जगन्नाथ रथ यात्रा का शुभारंभ हो चुका है। ये सिर्फ एक यात्रा नहीं… ये है भक्ति, परंपरा और आस्था का महाकुंभ। मंदिर की घंटियों से गूंजता वातावरण, भजन-कीर्तन की स्वर लहरियां और भक्तों का सैलाब, साल 2025 की यह यात्रा एक बार फिर न सिर्फ आस्था का पर्व बनकर आई है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक विरासत का जीता-जागता प्रमाण भी है।
पुरी की सड़कों पर कैसा है माहौल क्या हैं व्यवस्थाएं.
पुरी की सड़कों पर आज लाखों श्रद्धालु उमड़ पड़े हैं। अनुमान है कि इस बार करीब 15 लाख से ज्यादा लोग रथ यात्रा में शामिल हो रहे हैं। जो 2024 की तुलना में 20% ज़्यादा है। रेलवे और राज्य सरकार ने विशेष ट्रेनों और हेल्थ कैम्प्स की व्यवस्था की है।” ओडिशा सरकार ने 200 से अधिक विशेष ट्रेनें, 1000 बसें और दर्जनों हेल्थ कैम्प्स लगाए हैं ताकि यात्रा सुचारू रूप से चल सके।
हर साल की तरह इस बार भी तीन विशाल रथ
हर साल की तरह इस बार भी तीन विशाल रथ बनाए गए हैं –
- भगवान जगन्नाथ का रथ ‘नन्दिघोष’, भगवान बलभद्र का ‘तालध्वज’ और देवी सुभद्रा का ‘दर्पदलन’। तीन प्रमुख रथों में से नन्दिघोष रथ की ऊंचाई लगभग 45 दशमलव 6 फीट है और इसमें 16 विशाल पहिए लगे हुए होते हैं। इस रथ का सारथी दारुका हैं, रथ में लगे ध्वज को त्रैलोकमोहिनी और रथ की रस्सी को शंखचूर्णिनी कहा जाता है.
2. भगवान बलभद्र यानी बलराम के रथ का नाम तालध्वज है. इसमें 14 पहिए लगे हुए होते हैं, इस रथ के सारथी का नाम मातलि है. इसमें लगे ध्वज का नाम उन्नानी और रथ की रस्सी को बासुकी कहा जाता है.
3. देवी के रथ को दर्पदलन, पहियों की संख्या 12 और सरथी का नाम अर्जुन है, इसमे लगे ध्वज का नाम नादंबिका औऱ ध्वज का नाम स्वर्णचूर नागिनी है.
पुरी में सुरक्षा के लिए इस बार 10 हजार से ज़्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
पहली बार AI-बेस्ड भीड़ नियंत्रण प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है।”
इस बार की यात्रा में पहली बार वर्चुअल दर्शन की सुविधा भी शुरू की गई है – जिससे देश-विदेश के करोड़ों भक्त मोबाइल और टीवी के माध्यम से सीधा प्रसारण देख सकें।”
सुरक्षा की दृष्टि से इस बार पुरी को हाई-टेक जोन बना दिया गया है। 10 हजार से ज़्यादा पुलिसकर्मी, 150 से अधिक CCTV कैमरे, और पहली बार AI-आधारित भीड़ नियंत्रण प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है। साथ ही, एयर एम्बुलेंस और मोबाइल मेडिकल यूनिट्स भी स्टैंडबाय पर हैं।
क्या कहते हैं इस यात्रा को लेकर श्रद्धालु
कई श्रद्धालु ऐसे हैं जो सालों से इस परंपरा से जुड़े हैं। जगन्नाथ की रथ यात्रा को लेकर भक्त कहते हैं, “रथ यात्रा हमारे जीवन का सबसे पावन दिन होता है। जब रथ की रस्सी खींचते हैं, तो लगता है जैसे भगवान खुद हमें आशीर्वाद दे रहे हैं।श्री जगन्नाथ की रथ यात्रा सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक ऐसा भाव है जो दिलों को जोड़ता है, आस्था को जीवित रखता है और हमें हमारी जड़ों से जोड़ता है।
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