BJP first list Bihar : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मी तेज हो गई है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। इस पहली सूची में कुल 71 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं, जिनमें 9 महिलाएं भी हैं। भाजपा ने यह सूची जारी करते हुए सामाजिक संतुलन, जातीय समीकरण और जीत की संभावना को ध्यान में रखा है।
महिलाओं को मिला प्रमुख स्थान
भाजपा की इस सूची में महिलाओं को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। पार्टी ने कुल 9 महिलाओं को टिकट देकर यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह महिला सशक्तिकरण को लेकर गंभीर है। टिकट पाने वाली इन महिलाओं में कुछ नए चेहरे हैं, जबकि कुछ वर्तमान विधायक भी हैं जिन्होंने अपने क्षेत्रों में मजबूत पकड़ बनाई है।
अनुभवी और युवा नेताओं का संतुलन
भाजपा ने इस सूची में अनुभव और युवा जोश के संतुलन को बरकरार रखा है। कई पुराने चेहरों को फिर से मौका दिया गया है, वहीं कुछ नए चेहरों को भी मैदान में उतारा गया है जो पार्टी के भविष्य माने जा रहे हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि भाजपा राज्य में सत्ता बनाए रखने के लिए हर मोर्चे पर तैयारी कर रही है।
सामाजिक और जातीय समीकरण का ध्यान
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस सूची में जातीय संतुलन को भी खास तवज्जो दी गई है। सवर्ण, पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग और दलित समुदायों को टिकट देकर भाजपा ने हर वर्ग को साधने की कोशिश की है। इसके अलावा पार्टी ने उन क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारे हैं जहां उसकी स्थिति पहले से मजबूत रही है।
एनडीए में सीट बंटवारे के संकेत
भाजपा द्वारा 71 उम्मीदवारों की सूची जारी करने से यह संकेत भी मिल रहा है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के भीतर सीट बंटवारे की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सहयोगी दल जेडीयू और अन्य दल कब अपनी सूची जारी करते हैं।
पार्टी का लक्ष्य: पूर्ण बहुमत
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने सूची जारी करते समय कहा कि पार्टी का लक्ष्य राज्य में अकेले दम पर पूर्ण बहुमत हासिल करना है। उन्होंने दावा किया कि जनता इस बार फिर भाजपा के विकास कार्यों और सुशासन के आधार पर वोट देगी।
भाजपा की पहली सूची से यह स्पष्ट है कि पार्टी चुनावी रणनीति के तहत हर वर्ग और हर क्षेत्र को ध्यान में रखकर आगे बढ़ रही है। महिलाओं को मिला प्रतिनिधित्व इस बात का संकेत है कि भाजपा सामाजिक समावेशिता को लेकर सजग है। अब देखना होगा कि यह रणनीति चुनावी रण में कितनी कारगर साबित होती है।