Maharashtra Assembly Elections : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के लिए गहमागहमी अपने चरम पर है। 20 नवंबर को मतदान और 23 नवंबर को नतीजे घोषित होने वाले हैं। चुनाव से पहले एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार का एक इंटरव्यू काफी वायरल हो रहा है। इस इंटरव्यू में उन्होंने चाचा शरद पवार के साथ अपने रिश्तों, महायुति में अपनी भूमिका, बीजेपी के “बंटेंगे तो कटेंगे” नारे पर प्रतिक्रिया, और कांग्रेस के साथ संबंधों सहित कई मुद्दों पर बेबाकी से अपनी बात रखी।
शरद पवार के साथ रिश्ते पर बयान
अजित पवार ने कहा कि शरद पवार और उनकी राहें अलग हो चुकी हैं, लेकिन परिवार एक ही है। उन्होंने बताया, एक समय मैं पवार साहब का लाड़ला था, लेकिन अब काम में इतना व्यस्त हूं कि इस बारे में सोचने का वक्त नहीं मिलता। पवार साहब का थोड़ा अंश मेरे अंदर भी है, और मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है।
लाड़ली बहन योजना
अजित पवार ने लाड़ली बहन योजना को इस चुनाव का गेमचेंजर बताया और दावा किया कि महायुति 175 सीटें जीतकर सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा, सीएम का चयन हम ही करेंगे। मुझे पूरा भरोसा है कि यह योजना जनता को हमारी ओर आकर्षित करेगी। महायुति के भीतर तालमेल पर सवालों के जवाब में अजित पवार ने साफ किया कि यह पूरी तरह चुनावी रणनीति का हिस्सा है। उन्होंने बताया, “हम कोल्हापुर में संयुक्त रैली कर चुके हैं। अलग-अलग प्रचार करना समय बचाने के लिए है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पास अधिक उम्मीदवार हैं, इसलिए हम अपनी-अपनी जगह प्रचार कर रहे हैं। मुंबई रैली में शामिल न होने की वजह मैंने पीएम मोदी को पुणे में बता दी थी, और उन्होंने कहा कि जीत पर फोकस रखें।
‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे पर अजित पवार ने क्या कहा
बीजेपी के “बंटेंगे तो कटेंगे” नारे को लेकर अजित पवार ने असहमति जताई। उन्होंने कहा, मुझे यह नारा पसंद नहीं आया। महाराष्ट्र के लोग समन्वय की विचारधारा को अपनाते हैं। मेरा मानना है कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ ही सही रास्ता है। एकजुटता में ही तरक्की संभव है।
महाविकास अघाड़ी और शरद पवार का साथ छोड़ने पर अजित पवार ने कहा कि वह अपने निर्णय पर अडिग हैं। उन्होंने कहा, लोग मुझसे बार-बार यह सवाल पूछते हैं, लेकिन एक बार फैसला करने के बाद मैं उस पर कायम रहता हूं।