Journalist इंडिया ने खोज निकाली अंदर की बात, ये है एक जून को इंडिया गठबंधन की बैठक का राज ?

     एक जून को आखिरी चरण के मतदान होने हैं और 4 जून को चुनाव के परिणाम आने हैं. ऐसे में 1 जून को इंडिया गठबंधन ने दिल्ली में जो बैठक बुलाई है आखिर उसका मकसद क्या है? क्या ये बैठक एकजुटता दिखाने के लिए है या फिर कुछ और ? क्या ये बैठक अरविंद केजरीवाल के जेल जाने से पहले उनकी मौजूदगी और उनकी भूमिका को लेकर है या फिर कुछ और ? आखिर ममता बनर्जी और केसीआर ने क्यों बनाई 1 जून की बैठक से दूरी? या फिर एक जून को इंडिया गठबंधन की बैठक चुनाव नतीजों के बाद होने वाली तोड़-फोड़ को रोकने के लिए हैं?

  Journalist india:   एक जून को आखिरी दौर का मतदान होना है और इसी दिन दिल्ली में इंडिया गठबंधन ( India Alliance ) ने बड़ी बैठक (meeting) बुलाई है, जब से इस बात का ऐलान हुआ है तब से ही तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं कि आखिर मतगणना से पहले ऐसी बैठक का आयोजन क्यों किया जा रहा है ? तरह-तरह के कयासों के बीच जब जर्नलिस्ट इंडिया की टीम ने इस बात को टटोलने की कोशिश की तो तरह-तरह की बातें सामने आने लगी, इसमें जो अहम बात हमें लगी वो थी नतीजों के बाद गठबंधन में पड़ने वाली फूट. अगर एनडीए ( NDA )पूर्ण बहुमत के साथ नहीं जीती तो इडिया गठबंधन ( India Alliance ) को सहयोगी पार्टियों के सांसदों की खरीद-फरोख्त का डर सता रहा है. इंडिया गठबंधन को डर है कि उनसे हाथ मिलाने वाली सभी छोटी-बड़ी पार्टियां कहीं हम से समर्थन वापस लेकर एनडीए में न मिल जाएं, इसी डर से इंडिया गठबंधन ने दिल्ली में बैठक बुलाकर पहले ही सभी की जिम्मेदारियां और उन्हें मिलने वाले पद और फायदों को सबके साथ साझा किया जाएगा ताकि वो बाद में एनडिए का हिस्सा न बन जाएं.

अरविंद केजरीवाल ( Arvind Kejriwal ) के 2 जून को जेल जाने से पहले भी इंडिया गठबंधन के लिए बैठक जरूरी.

माना जा रहा है कि ममता बनर्जी कांग्रेस से और खास कर राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) से खफा है, ऐसे में ममता बनर्जी ( mamata banerjee ) को अगर इस समय कोई एक व्यक्ति मना सकता है तो वो हैं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, अगर मोदी सरकार पूर्ण बहुमत के साथ नहीं जीती तो फिर ममता बनर्जी को कौन मनाएगा?  कांग्रेस ( congress ) के लिए ये एक बड़ी सिरदर्दी है, दूसरी ओर कहा जा रहा है कि ममता बनर्जी फिलहाल बीजेपी BJP के संपर्क में है, ऐसे में एक ओर जहां बंगाल में बंपर वोटिंग के बाद ममता बनर्जी वेट एंड वॉचिंग की स्थिति में है तो फिर ममता बनर्जी को मनाना इंडिया गठबंधन के लिए जरूरी हो जाता है. उधर तेलंगाना की स्टेट पॉलिटिक्स के चलते केसीआर इंडिया गठबंधन से दूर ही रहना पसंद कर सकती हैं क्योंकि एक बार एनडीटीवी ( NDTV )को दिए इंटरव्यू में केसीआर (KCR)की तरफ से कहा गया था कि उन्हें एनडीए को भी समर्थन देना पड़ सकता है ऐसे में इधर ममता बेनर्जी को मनाने की जिम्मेदारी अरविंद केजरीवाल पर है तो उधर केसीआर को मनाने की जिंम्मेदारी अखिलेश यादव ( Akhilesh Yadav ) पर है. ऐसे में अब ये देखना होगा कि आखिर क्या एक जून की बैठक में इंडिया गठबंधन या फिर इंडिया गठबंधन की ड्राईवर कांग्रेस अपने मकसद में कामयाब हो पाती है या फिर उसे जिस बात का डर सता रहा है आगे चलकर वहीं होने वाला है आपको क्या लगता है आप अपनी बात नीचे कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं और आगे चलकर आपको दिए गए सही और तार्किक कमेंट को भी हम अपने लेख में नाम के साथ स्थान देंगे.

 

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