सैम पित्रोदा ने अमेरिकी विरासत टैक्स पर टिप्पणी कर कांग्रेस के लिए बढ़ाई चुनावी तपिश, खुद को झुलसता देख कांग्रेस के बयान से ऐसे किया किनारा

Journalist India : Election news 2024 : कांग्रेस के सैम पित्रोदा ने लगता है कांग्रेस के लिए इस चुनावी गर्मी में तपिश बढ़ा दी है, जिससे कांग्रेस झुलस भी सकती है, सैम पित्रोदा ने अमेरिकी विरासत टैक्स को भारत में लाने वाली बातें बोलकर बीजेपी को बैठे बिठाए मुद्दा दे दिया है, अब कांग्रेस पर बीजेपी समेत कई दल एक साथ हमलवार हो गए हैं, सैम पित्रोदा ने कहा है कि जब अमेरिका में किसी की मौत हो जाती है तो वहां की सरकार उसके बाद उस व्यक्ति की सम्पत्ती में से 55 फीसदी संपत्ति ले लेती है और बाकी बची हुई 45 प्रतिशत संपत्ती उसके परिवार को दे देती है, जबकि भारत में ऐसा नहीं है, और भारत के लिए भी उन्हें यानी सैम पित्रोदा को ये उचित लगता है. इस समय देश में आम चुनाव हैं और कांग्रेस पहले से ही दबाव में है और वो बीजेपी के सामने कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहती है, अब ऐसे में विवाद बढ़ता देख कांग्रेस सैम पित्रोदा से किनारा करते हुए दिख रही है, बवाल बढ़ता देख सैम पित्रोदा ने भी सफाई दी और कहा है कि उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है. कांग्रेस को उलझन में डालने का सैम पित्रोदा का पुराना रिकॉर्ड रहा है और अपने विवादित बयानों की वजह से वह हमेशा आलोचनाओं के शिकार हुए हैं, हालाकि सैम पित्रोदा अपने बयानों से लगातार सुर्खियां भी बटोरते रहे हैं लेकिन इस समय कांग्रेस के लिए ऐसे बयान आत्मघाती साबित हो सकते हैं.

कौन हैं सैम पित्रोदा ?

सैम पित्रोदा इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष हैं, सैम पित्रोदा के बारे में कहा जाता है कि सैम पित्रोदा का पूरा नाम सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा है और वो गुजराती हैं, हालाकि उनके जन्म के बारे में कहा जाता है कि सैम पित्रोदा का जन्म 4 मई  1942 को ओड़िशा के तितलागढ़ में हुआ था, सैम पित्रोदा इस समय अमेरिका के शिकागो में रहते हैं और उनके पास भारत और अमेरिका की नागरिकता है. कहा ये भी जाता है कि महात्मा गांधी के विचोरों से प्रभावित होकर सैम पित्रोदा का परिवार गुजरात से उडीसा आकर बस गया. सैम पित्रोदा ने गुजरात से अपनी पढ़ाई की शुरुआत की फिर आगे की पढ़ाई करने वो शिकागो चले गए.

 

राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं सैम पित्रोदा

 

कहा जाता है कि सैम पित्रोदा पहले राजीव गांधी के करीबी थे, लेकिन आज वर्तमान में उन्हें राहुल गांधी का करीबी माना जाता है.

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