Loksabha Election 2024 News : Congress Manifesto – लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस Congress ने आज यानी 5 अप्रैल को अपना घोषणापत्र Manifesto जारी कर दिया है, कांग्रेस ने अपने इस घोषणा पत्र को न्याय पत्र नाम दिया गया है. कांग्रेस का ये घोषणा यानी मेनिफेस्टो में 5 ‘न्याय’ देने बातें हैं और साथ ही 25 ‘गारंटी’ भी दी गई हैं. ये घोषणा पत्र कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष पी चिदंबरम ने कांग्रेस मुख्यालय जारी किया.
कांग्रेस के घोषणा पत्र की मुख्य बातें
.जम्मू-कश्मीर को तुरंत पूर्ण राज्य का दर्जा देंगे.
.लद्दाख के जनजातीय क्षेत्रों को जम्मू-कश्मीर में शामिल करने के लिए संविधान की छठी अनुसूची में संशोधन करेंगे.
.कांग्रेस ने कहा है सीमा पार आतंकवाद को समाप्त करना पाकिस्तान की इच्छा- क्षमता पर निर्भर करता है.
.मोदी सरकार के अग्निपथ योजना को खत्म करेंगे
.भारतीय सेना के सभी अंगों थल सेना, नौसेना और वायु सेना में भर्ती के लिए अपनाई जाने वाली पूरानी सामान्य भर्ती प्रक्रियाओं पर एक बार फिर वापस लौटेंगे.
.सैनिकों को आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा की गारंटी देगें
.कर्जमाफी, कैश, जातिगत जनगणना, 25 लाख की हेल्थ इंश्योरेंस
अपने घोषणा पत्र में कांग्रेस ने पांच तरह के न्याय देने वादा या जिक्र किया है.
.अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो कांग्रेस न्यूनतम मजदूरी 400 रुपए कर देगी.
. देश में 40 लाख सरकारी नौकरियां देगी.
. कांग्रेस गरीब महिलाओं को ट्रेनिंग के लिए एक-एक लाख रूपये की मदद देगी
. कांग्रेस के घोषणा पत्र में शहरी रोजगार गारंटी स्कीम भी लाने का जिक्र है.
. देश में जातियों, उपजातियों और उनकी सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों को जानने के लिए देश भर में सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना कराने का कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में जिक्र किया है.
और फिर इन्हीं आंकड़ों के आधार पर कांग्रेस सरकारी योजनाओं का लाभ देगी.
. कांग्रेस ने एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग को अपने मेनीफेस्टो से गरंटी दी है कि वो इन वर्गों के लिए आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत बढ़ाने के लिए संवैधानिक संशोधन भी पारित करेगी.
.शुरूआती पहले साल में ही एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षित सभी पदों की बैकलॉग रिक्तियों को खोलदेंगे
. नौकरियों में संविदा व्यवस्था को समाप्त करने का वादा
. एससी, एसटी वर्ग को घर बनाने, व्यवसाय शुरू करने और संपत्ति खरीदने के लिए संस्थागत ऋण बढ़ाने का वादा.