Jharkhand assembly elections : झारखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अपनी पूरी ताकत झोंकने का दावा कर रही है, लेकिन सहयोगी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) का मानना है कि कांग्रेस का प्रचार अभियान धीमा है। JMM के नेताओं का कहना है कि कांग्रेस को गठबंधन में मिली सीटों के रेशो में ज्यादा सक्रियता दिखानी चाहिए थी। यह मुद्दा तब और स्पष्ट हुआ जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को सहयोगियों की चिंताओं के मद्देनजर राज्य का दौरा करना पड़ा।
कांग्रेस कर रही कड़ी मशक्कत
कांग्रेस के शीर्ष नेता केवल उन्हीं सीटों पर प्रचार कर रहे हैं, जहां पार्टी के अपने उम्मीदवार मैदान में हैं। सहयोगी दलों की सीटों पर कांग्रेस का प्रचार लगभग न के बराबर है। यहां तक कि जिन सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ रही है, वहां भी पार्टी के झंडे, प्रचार वाहन और रैलियों की संख्या सीमित नजर आ रही है। भीड़ जुटाने के लिए भी कांग्रेस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।
झारखंड विधानसभा की 81 सीटों में से कांग्रेस 30 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इनमें से 17 सीटों पर पहले चरण का मतदान 13 नवंबर को संपन्न हो चुका है। JMM 42 सीटों पर, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) छह सीटों पर और CPI(ML)(L) तीन सीटों पर मैदान में हैं। पिछली बार कांग्रेस ने 31 सीटों पर चुनाव लड़ते हुए 16 सीटों पर जीत हासिल की थी।
हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन ने अब तक की 60 रैलियां
JMM के स्टार प्रचारक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन ने अब तक 60 रैलियां की हैं, जबकि कांग्रेस के स्टार प्रचारक राहुल गांधी ने सात सभाएं की हैं और मल्लिकार्जुन खरगे ने चार रैलियों को संबोधित किया है। JMM के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कांग्रेस को अपने हिस्से की सीटों और गठबंधन की मजबूती के लिहाज से अधिक सक्रियता दिखानी चाहिए थी। साथ ही, उन्होंने सवाल उठाया कि क्या कांग्रेस को गठबंधन में उसकी ताकत के रेशो से अधिक सीटें दी गई हैं।
दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर
बता दें, कि झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर को होगा, जो इस गठबंधन के लिए निर्णायक साबित हो सकता है।