Journalist India : भारत में हर साल चुनाव होते रहते हैं, कभी ग्राम सभा के चुनाव तो कभी ब्लाक, जिला, क्षेत्र पंचायात या फिर विधानसभा. भारत में जब देखो चुनाव-चुनाव की ही बातें आपको सुनाई देंगी. अब बात आती है इतने बड़े लोकसभा चुनाव को निपटाने के बाद क्या चुनाव आयोग खाली बैठ रहेगा या फिर उसके बाद कोई और काम बचते हैं,
अगर देखा जाय तो जिन राज्यों में चुनाव नहीं होते हैं उन राज्यों में चुनाव आयोग पार्टियों के मसले सुलझाती रहती है. इलेक्शन कमीशन को आप राजनीतिक पार्टियों की एक तरह की अदालत समझें जहां तरह तरह के झगड़े सुलझाए जाते हैं, जैसे इग्जामंपल के तौर पर आपको बताएं तो पिछले दिनों आपने महाराष्ट्र में देखा होगा कि शिवसेना में टूट हो गई फिर एनसीपी में. ऐसे में चुनाव आयोग पहले ये देखती है कि किसपर किसका हक होना चाहिए.