शिक्षक और शिष्यों के बीच बंधन का उत्सव : गुरु पूर्णिमा

रिपोर्ट बाय देवाशीष शर्मा

इस वर्ष 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया गया। गुरु पूर्णिमा वह विशेष दिन है जब शिक्षक और शिष्यों के बीच के अनमोल बंधन का उत्सव मनाया जाता रहा है। यह पर्व गुरु को उनके मार्गदर्शन और शिक्षा के लिए सम्मान देने का अवसर होता है। गुरु पूर्णिमा का पर्व भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखता है। इस दिन को महान गुरु वेद व्यास के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है, जिन्होंने महाभारत और वेदों का संकलन किया था। शिष्य अपने गुरुओं को श्रद्धा और सम्मान के साथ इस दिन को समर्पित करते हैं। इस अवसर पर शिष्य अपने गुरुओं को विभिन्न प्रकार के संदेश और शुभकामनाएं भेजते हैं। गुरु पूर्णिमा के मौके पर गुरुओं को धन्यवाद देने और उनके प्रति आभार व्यक्त करने का यह एक अद्भुत तरीका है। यहां कुछ शुभकामना संदेश दिए जा रहे हैं जो आप अपने गुरुओं को भेज सकते हैं:

1. गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं! आपके ज्ञान और मार्गदर्शन ने हमारे जीवन को रोशन किया है। आपका आशीर्वाद हमें हमेशा सही रास्ते पर चलने की प्रेरणा देता है।

2. गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर आपके चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम। आपकी दी हुई शिक्षा और मार्गदर्शन ने हमें जीवन के हर कठिन मोड़ पर संभाला है।

3. गुरु पूर्णिमा की बधाई! आपके बिना हमारा जीवन अधूरा है। आपका ज्ञान और स्नेह हमें हर दिन बेहतर बनने की प्रेरणा देता है।

4. आप हमारे जीवन के सच्चे मार्गदर्शक हैं। गुरु पूर्णिमा के इस विशेष दिन पर आपके प्रति हमारी अनंत श्रद्धा और सम्मान।

5. गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं! आपके मार्गदर्शन ने हमें सही और गलत का फर्क समझाया और जीवन के हर कठिनाई से लड़ने की शक्ति दी।

गुरु पूर्णिमा के इस विशेष अवसर पर, शिष्य अपने गुरुओं को उपहार और फूल भी भेंट करते हैं। यह दिन गुरु-शिष्य परंपरा की महिमा को याद करने और इसे और मजबूत बनाने का अवसर है। गुरु पूर्णिमा का पर्व हमें यह भी याद दिलाता है कि शिक्षा और ज्ञान के बिना जीवन अधूरा है। यह दिन हमें अपने गुरुओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और उनके योगदान को सराहने का अवसर देता है। इस गुरु पूर्णिमा पर, सभी शिष्य अपने गुरुओं के प्रति आभार व्यक्त करें और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें।

रिपोर्ट बाय
देवाशीष शर्मा

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