One Nation One Election : केंद्र सरकार ने “एक राष्ट्र, एक चुनाव” के प्रस्ताव से जुड़े दो विधेयकों की जांच के लिए संयुक्त समिति की सदस्य संख्या 31 से बढ़ाकर 39 करने का प्रस्ताव दिया है। इस विस्तार का उद्देश्य समिति में अधिक दलों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना है। अब शिवसेना (यूबीटी), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के एक-एक सदस्य, साथ ही भाजपा और समाजवादी पार्टी के अतिरिक्त सदस्यों को भी शामिल किया गया है। यह कदम शिवसेना (यूबीटी) की शिकायत के बाद उठाया गया, जिसमें उन्होंने समिति में शामिल न किए जाने पर असंतोष व्यक्त किया था।
संयुक्त समिति में प्रस्तावित सदस्य
सरकार द्वारा प्रस्तावित समिति में लोकसभा के 27 और राज्यसभा के 12 सदस्य होंगे। नई सूची में भाजपा के बैजयंत पांडा, संजय जायसवाल, सपा के छोटेलाल, शिवसेना (यूबीटी) के अनिल देसाई, लोजपा की शांभवी, और माकपा के के. राधाकृष्णन का नाम शामिल है। इसके अलावा, पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, भाजपा के पी पी चौधरी, कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा और भर्तृहरि महताब को भी समिति का हिस्सा बनाया गया है।
शिवसेना (यूबीटी) की नाराजगी हुई दूर
शिवसेना (यूबीटी) ने पहले इस बात पर नाराजगी जताई थी कि उनके नौ लोकसभा सांसद होने के बावजूद उन्हें समिति में जगह नहीं दी गई। पार्टी ने लोकसभा अध्यक्ष और संसदीय मामलों के मंत्रालय से अपनी नाखुशी जाहिर की थी। अब उनकी मांग को ध्यान में रखते हुए शिवसेना (यूबीटी) के सांसद अनिल देसाई का नाम समिति में जोड़ा गया है।
प्रियंका गांधी और अनुराग ठाकुर जैसे प्रमुख नेता शामिल
इस समिति में प्रमुख नेताओं को भी जगह दी गई है। भाजपा के अनुराग ठाकुर और पी पी चौधरी, कांग्रेस से प्रियंका गांधी वाड्रा, और शिवसेना (यूबीटी) के अनिल देसाई जैसे नेता इसके प्रमुख चेहरे होंगे। साथ ही, एनडीए के अन्य घटक दलों जैसे आरएलडी और जनसेना पार्टी के एक-एक सदस्य को भी समिति में शामिल किया गया है।
शुक्रवार को प्रस्ताव पेश होने की संभावना
संसद के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा इस प्रस्ताव को पेश किए जाने की संभावना है। गुरुवार को लोकसभा में इस प्रस्ताव पर चर्चा होनी थी, लेकिन संसद परिसर में हुई झड़प और विरोध प्रदर्शन के कारण कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी।