Delhi Elections 2025 : दिल्ली के बस मार्शल जिन्होंने महीनों तक लगातार प्रदर्शन किया, अब राजनीति में उतरने का फैसला किया है। उन्होंने आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेने की घोषणा की है। पूर्व बस मार्शलों ने जनहित दल के बैनर तले चुनाव लड़ने की तैयारी की है। इस पार्टी ने अपनी पहली सूची जारी की है, जिसमें छह उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। इनमें से पांच उम्मीदवार पूर्व बस मार्शल हैं।
घोषित सीटों में नई दिल्ली, मुंडका, नरेला, मुस्तफाबाद, तिमारपुर, और बुराड़ी शामिल हैं। नरेला से श्यामो देवी, मुंडका से प्रवीण कुमार, मुस्तफाबाद से ललित भाटी, तिमारपुर से राकेश रंजन श्रीवास्तव, नई दिल्ली से आदित्य राय, और बुराड़ी से अनिल कुमार को उम्मीदवार बनाया गया है।
वामपंथी दल भी उतरेंगे चुनावी मैदान में
दिल्ली विधानसभा चुनाव में वामपंथी दल भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीपीआई (मार्क्सवादी), सीपीआई, सीपीआई (एमएल) लिबरेशन, और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के नेताओं ने इस निर्णय की जानकारी दी। वामपंथी दलों ने केंद्र में भाजपा और दिल्ली में आम आदमी पार्टी पर आम जनता के मुद्दों की अनदेखी करने का आरोप लगाया।
वामपंथी गठबंधन में फॉरवर्ड ब्लॉक और कम्युनिस्ट गदर पार्टी ऑफ इंडिया (सीजीपीआई) भी शामिल हैं। सीपीआई (एम) नेता अनुराग सक्सेना ने कहा कि वामपंथी दल दिल्ली में एक वैकल्पिक राजनीतिक मंच प्रदान करना चाहते हैं। उनका उद्देश्य दिल्ली के नागरिकों के हितों को प्राथमिकता देना और लंबे समय से उपेक्षित मुद्दों को हल करना है।
वामपंथी दलों के मुख्य मुद्दे
- दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा
- दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) का विकेंद्रीकरण
- शहरी स्थानीय निकायों को अधिक अधिकार
- बेरोजगारी के खिलाफ कदम
- सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार
- न्यूनतम मासिक वेतन ₹26,000
- पीने के पानी की बेहतर आपूर्ति
वामपंथी दल अपने प्रभावशाली क्षेत्रों में चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं। उनका मानना है कि मुख्यधारा की पार्टियां दिल्ली के नागरिकों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाई हैं।