Budget 2025 : 1 फरवरी 2025 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 का बजट प्रस्तुत किया। सरकार का कहना हा कि ये बजट आर्थिक विकास को गति देने और समाज के सभी वर्गों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। यहां हम 2025 के बजट की मुख्य बातें औऱ उनकी विशेषताओं का विश्लेषण कर रहे हैं।
आयकर में राहत
.मध्य वर्ग के लिए बजट में महत्वपूर्ण राहत दी गई है। नई कर व्यवस्था के तहत शून्य कर की सीमा को ₹12 लाख तक बढ़ा दिया गया है।
.₹24 लाख से ऊपर की आय पर अधिकतम 30% कर दर लागू होगी।
.वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष छूटें दी गई हैं।
कृषि क्षेत्र में सुधार
.देश के कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए कई नई योजनाओं की शुरुआत की गई है।
.दालों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए छह वर्षीय मिशन।
.कपास की खेती में सुधार हेतु पांच वर्षीय मिशन।
.किसानों को सस्ती क्रेडिट सुविधा प्रदान करने के लिए ₹1.5 लाख करोड़ का बजट।
निर्माण और उद्योग के लिए प्रोत्साहन
.’मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत निर्माण और स्टार्टअप सेक्टर को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है।
.₹10,000 करोड़ का स्टार्टअप्स के लिए विशेष फंड।
.एमएसएमई के लिए क्रेडिट गारंटी योजना का विस्तार।
.इलेक्ट्रिक वाहनों और लिथियम बैटरी निर्माण को बढ़ावा देने के लिए कस्टम ड्यूटी छूट।
विदेशी निवेश को प्रोत्साहन
बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की सीमा को 74% से बढ़ाकर 100% कर दिया गया है। यह कदम विदेशी पूंजी को आकर्षित करेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा।
क्या सस्ता हुआ?
.कैंसर और दुर्लभ बीमारियों की दवाएं।
.ईवी बैटरी और मोबाइल बैटरी निर्माण में उपयोगी सामग्री।
.कुछ कृषि उपकरण और कच्चे माल।
क्या महंगा हुआ?
.इंटरएक्टिव डिस्प्ले पैनल।
.आयातित जूते और मोमबत्तियां।
.कुछ प्रीमियम उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स।
शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश
.शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल और कौशल विकास को प्राथमिकता दी गई है।
.डिजिटल पुस्तकालयों का विस्तार।
.ग्रामीण क्षेत्रों में 500 नए मेडिकल कॉलेज और अस्पताल।
.हरित ऊर्जा और पर्यावरण
.हरित ऊर्जा के लिए ₹2 लाख करोड़ का बजट आवंटित किया गया है।
.सौर ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा।
.हाइड्रोजन ऊर्जा पर शोध के लिए नई योजनाएं।
सरकार का दावा
सरकार का कहना है कि 2025 का बजट देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के साथ-साथ सामाजिक समावेशिता पर भी केंद्रित है। आयकर में छूट और उद्योगों को प्रोत्साहन देकर सरकार ने आर्थिक गतिविधियों को गति देने का प्रयास किया है। कृषि और स्वास्थ्य क्षेत्र में बढ़ता निवेश इस बजट को और अधिक प्रभावी बनाता है।
यह बजट एक ऐसा कदम है, जो भारत को आत्मनिर्भर बनने और वैश्विक आर्थिक मंच पर मजबूती से खड़ा करने में सहायक होगा।