रांची: जामताड़ा-झारखंड का एक ऐसा बदनाम जिला जिसको लेकर एक वेब सीरीज तक बन चुकी है. जामताड़ा को उसके साइबर क्राइम के लिए जाना जाता है. जहाँ से ऑनलाइन ठगी करने का ऐसा बिजनेस जैसा चल पड़ा है. देशभर में होने वाले ऑनलाइन ठगी के अधिकतर मामलों का तार जामताड़ा से ही जुड़ा होता है. आम आदमी से लेकर नौकरशाह और राजनेताओं तक के बैंक खातों में जामताड़ा के ठग घुसपैठ कर चुके हैं.
जामताड़ा… भले ही जिनके साथ ठगी हुई हो उन्हें वह नाम याद न हो ऑनलाइन ठगी के अधिकतर तार जामताड़ा जाकर ही ख़त्म हो जाते हैं. झारखंड की राजधानी रांची से करीब 250 किलोमीटर दूर स्थित जामताड़ा देश ही नहीं दुनियाभर में बदनाम हो चूका है. अब खबर है कि जामताड़ा में होने वाली ऑनलाइन ठगी की जांच एक अमेरिकी जांच एजेंसी करने वाली है. यह एजेंसी समझेगी कि कैसे नाबालिग बच्चे पढ़े लिखे लोगों को चूना लगा देते थे.
अमेरिकी एजेंसी इस बात पर रिसर्च करेगी कि इस इलाके के बेहद कम पढ़ लिखे लोग कैसे पढ़े लिखे ही नहीं बड़े बड़े नौकरशाहों तक को ठगी का शिकार बना लेते हैं. जामताड़ा को लेकर कई बातें कही जाती हैं कि यहाँ इस ऑनलाइन ठगी के में शामिल लोगों के पास बैंक से ज्यादा जानकारी खाताधारक होती थी… आखिर ऐसा कैसे हो सकता है. अमेरिकी एजेंसी इस बात की जांच करेगी कि यह लोग इस तकनीकी से खाते पूरा हैक कर लेते थे. दरअसल बीते साल अगस्त महीने में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पत्नी और सांसद परणीत कौर को भी ठगी का शिकार बनाया गया था. उनके खाते से 23 लाख रुपए निकाल लिए गये थे.
जब इस मामले की जांच हुई तो इसके तार भी जामताड़ा से ही जुड़े मिले. जांच में पाया गया कि जामताड़ा के अताउल अंसारी नाम के एक व्यक्ति ने खुद को बैंक मैनेजर बताते हुए परणीत कौर को फोन करके उनके खाते से जुड़ी अहम् जानकारी हासिल की और 23 लाख का चूना लगा दिया. फिलहाल अब इस ठगी के लिए पहचान बनाने वाले जामताड़ा पर अमेरिकी रिसर्च एजेंसी का डेरा पड़ने वाला है. इस बारे में जिले से एसपी दीपक कुमार ने बताया है कि वह जांच में पूरा सहयोग करेंगे. हालाँकि अभी इसके बारे में उन्हें कोई आधिकारिक रूप से जानकारी नहीं दी गयी है.